- आर्थिक तंगी के कारण हड़ताल पर बैठे
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 04:00 AM IST
बुरहानपुर. लॉकडाउन में बंद हुए बस संचालन के कारण 1100 से ज्यादा चालक-परिचालक बेरोजगार हो गए हैं। आर्थिक तंगी के बीच परिवार का पेट भरने के लिए उन्हें मजदूरी करने को मजबूर होना पड़ा लेकिन पावरलूम, कारखाने व अन्य जगह मजदूरी में भी इनमें से 20 फीसदी लोगों को ही काम मिल सका। बाकी लोग तंगहाली झेल रहे हैं।
इसके विरोध में उन्होंने मंगलवार से हड़ताल शुरू की है। उन्होंने शासन-प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। 24 मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद से बसों का संचालन पूरी तरह बंद है।
1100 चालक-परिचालकों के साथ 1000 ऐसे लोग भी बेरोजगार हो गए हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से बस परिवहन से जुड़े हुए हैं। तीन महीने से चालक-परिचालकों की न तो बस ऑपरेटर्स ने सुध ली और न ही सरकार से कोई सहायता मिली। अनलॉक-1 में व्यापार-व्यवसाय तो शुरू हो गया लेकिन बसों का परिवहन अब भी बंद है। इस कारण चालक-परिचालक परेशान हो रहे हैं।
सरकार से सीधी आर्थिक सहायता की मांग
चालक-परिचालक संघ महामंत्री मिलिंद चौधरी ने बताया हमने सरकार से सीधी आर्थिक सहायता देने की मांग की है। सरकार चालक-परिचालकों को 7500 रुपए प्रतिमाह के मान से मानदेय जारी करे। इसके साथ ही संबल योजना में नाम जोड़ने और अन्य योजनाओं में भी सुविधा दी जाए। धारा 144 लागू होने के कारण बस स्टैंड परिसर में 5 सदस्य ही हड़ताल कर रहे हैं। सात दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो भूख हड़ताल करेंगे।