May 19, 2024 : 10:22 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

बुद्ध जयंती 7 को, कभी भी खुद को दूसरों से कम नहीं समझना चाहिए

  • बुद्ध से एक व्यक्ति ने पूछा कि जीवन का मूल्य क्या है? बुद्ध ने उसे एक पत्थर दिया और कहा कि बाजार जाकर इसकी कीमत मालूम करके आओ, बाजार में सभी ने उस पत्थर की अलग-अलग कीमत बताई

दैनिक भास्कर

May 07, 2020, 09:50 AM IST

गुरुवार, 7 मई को भगवान बुद्ध की जयंती है। इस अवसर पर जानिए बुद्ध से जुड़ा एक ऐसा प्रसंग, जिसका संदेश यह है कि हमें स्वयं को दूसरों से कम नहीं समझना चाहिए, हर व्यक्ति अमूल्य है। सभी की योग्यताएं अलग-अलग हैं। प्रसंग के अनुसार महात्मा बुद्ध अलग-अलग गांवों में भ्रमण करते थे। इसी दौरान वे एक गांव में ठहरे हुए थे।

गांव के साथ ही आसपास के क्षेत्रों से भी लोग उनके दर्शन करने और प्रवचन सुनने पहुंच रहे थे। एक दिन उनसे मिलने एक व्यक्ति आया और बोला कि तथागत मैं जानना चाहता हूं कि इस जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध ने उस आदमी को एक पत्थर दिया और कहा कि पहले इस पत्थर का मूल्य मालूम करके आओ, फिर मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर देता हूं। ध्यान रहे इस पत्थर को बेचना नहीं है।

वह व्यक्ति पत्थर लेकर बाजार में गया। वहां एक संतरे वाले के पास गया और बोला कि इस पत्थर को देखो और बताओ इसकी कीमत क्या है? संतरे वाले ने उस पत्थर को देखा, वह चमक रहा था। उसने कहा कि ये पत्थर मेरे काम का नहीं है। फिर भी मैं इसके बदले तुम्हें 12 संतरे दे सकता हूं। इसके बाद वह व्यक्ति एक सब्जी वाले के पास गया। पत्थर देखकर सब्जी वाले कहा कि एक बोरी आलू ले लो और ये पत्थर मुझे दे दो।

इसके बाद वह व्यक्ति पत्थर लेकर एक सुनार के पास गया और उसे पत्थर दिखाया। सुनार ने पत्थर देखा और कहा कि इस पत्थर के बदले मैं तुम्हें एक हजार स्वर्ण मुद्राएं दे सकता हूं। उस व्यक्ति ने पत्थर बेचने से मना कर दिया तो सुनार बोला कि मैं तुम्हें हजार स्वर्ण मुद्राएं देता हूं, ये मुझे दे दो। इसके बाद भी व्यक्ति पत्थर बेचने के लिए तैयार नहीं हुआ तो सुनार ने कहा कि तुम इसकी जो कीमत मांगोगे, मैं दे सकता हूं। उस व्यक्ति ने कहा कि इस पत्थर को मैं बेच नहीं सकता। मुझे सिर्फ इसकी कीमत मालूम करनी है।

सुनार के बाद वह व्यक्ति एक जौहरी के पास गया और पत्थर दिखाया। जौहरी ने जब उस पत्थर को देखा तो वह बोला कि ये तो अनमोल रत्न है। वह व्यक्ति हैरान हो गया। इसके बाद वह बुद्ध के पास लौट आया। उन्हें सारी बात बता दी और पूछा कि अब बताएं जीवन का मूल्य क्या है?

बुद्ध ने कहा कि संतरे वाले ने इस पत्थर की कीमत 12 संतरे लगाई। सब्जी वाले ने 1 बोरी आलू, सुनार ने 4 हजार स्वर्ण मुद्राएं और जौहरी ने इसे अनमोल बताया। यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है। हर व्यक्ति एक हीरा है, लेकिन दूसरे लोग हमारी कीमत उनके सामर्थ्य और उनकी जानकारी के अनुसार लगाते हैं। हमें हमारी योग्यता की तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए। योग्यता की कीमत हमें स्वयं लगानी चाहिए, क्योंकि कोई दूसरा व्यक्ति उसकी सही कीमत नहीं लगा पाएगा। अगर कोई हमारी योग्यता की कीमत लगाएगा तो उसके सामर्थ्य के अनुसार लगाएगा। इसलिए कभी भी खुद को दूसरों से कम नहीं समझना चाहिए।

Related posts

आज का जीवन मंत्र:किसी की व्यर्थ बातों में कोई काम की बात हो तो उसे ध्यान से सुनना चाहिए

News Blast

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने की पाकिस्तान के लिए बड़ी घोषणा, क्या होगा असर

News Blast

2 से 18 साल तक के बच्चों के लिए कोरोना टीका कोवैक्सीन सुरक्षित, भारत बायोटेक का दावा

News Blast

टिप्पणी दें