प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल का जो नारा दिया था और इसे मध्य प्रदेश की राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों के स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए गए दीयों की मांग ने सही साबित कर दिखाया है। इससे स्व सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ाना मिलेगा। यहां के स्व सहायता समूहों ने गोबर-मुल्तानी मिट्टी और गेहूं के आटे के मिश्रण से जो दीये तैयार किए हैं इनमें से 14 लाख अयोध्या और मथुरा की दीपावली को रोशन करेंगे।
कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया ने भोपाल के स्व सहायता समूहों के दीयों की मांग अयोध्या और मथुरा में होने की जानकारी एक वायरल वीडियो में दी है। वे बता रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के स्व सहायता समूहों ने भोपाल में 15 लाख दीये बनाए हैं। ये पवित्र दीये हैं क्योंकि इन्हें बनाने में गोबर, मुल्तानी मिट्टी व गेहूं के आटे के मिश्रण का उपयोग कर बनाया गया है। इनकी पवित्रता की वजह से अयोध्या और मथुरा से आई है। 15 लाख दीयों में से 11 लाख दीये अयोध्या भेजे जाएंगे तो मथुरा में भोपाल के ग्रामीण स्व सहायता समूहों के तीन लाख दीये भेजे जाएंगे। इन दीयों को ईको फ्रेंडली और पर्यावरणीय सजगता का प्रतीक माना गया हैं। कई जिलों में मिट्टी के दीयों पर टैक्स फ्री किया गया
मध्य प्रदेश में भोपाल सहित ग्वालियर, दतिया, मुरैना, रीवा, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, शिवपुरी जिलों में दीये में वोकल फॉर लोकल के तहत किसी भी तरह का टैक्स नहीं लेने का निर्णय लिया है। भोपाल और ग्वालियर कलेक्टर ने मंगलवार को ही टैक्स फ्री के आदेश जारी किए थे।