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बहुत महंगी है पेगासस से जासूसी: स्पायवेयर के एक लाइसेंस की कीमत करीब 70 लाख रुपए, 10 लोगों की जासूसी के लिए कंपनी ने 9 करोड़ रुपए लिए थे

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Hindi NewsTech autoIsraeli Pegasus Spy Software Price | What Is It And How Does It Work? And Who Can Buy It?

नई दिल्ली4 मिनट पहले

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इजराइल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी NSO का स्पायवेयर पेगासस चर्चा में है। द गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट समेत 16 मीडिया ऑर्गनाइजेशन की एक संयुक्त रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीय मोबाइल नंबरों की जासूसी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने पेगासस स्पायवेयर की मदद से पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन के फोन हैक किए थे।

पेगासस के चर्चा में आने के बाद बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या इस स्पाइवेयर को कोई खरीद सकता है? आखिरी इसकी कीमत क्या होती है? साथ ही ये काम कैसे करता है? हम इन सभी सवालों के जवाब आपको बता रहे हैं।

पेगासस क्या है?पेगासस एक स्पायवेयर है। स्पायवेयर यानी जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर। इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है। हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।

पेगासस को किसी भी फोन या किसी अन्य डिवाइस में रिमोटली इंस्टॉल किया जा सकता है। सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके भी आपके फोन में पेगासस को इंस्टॉल किया जा सकता है। इनता ही नहीं, वॉट्सऐप मैसेज, टेक्स्ट मैसेज, SMS और सोशल मीडिया के जरिए भी यह आपके फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है।

पेगासस को कौन खरीद सकता है?

NSO ग्रुप केवल अधिकृत सरकार के साथ काम करने का दावा करती है। पेगासस को सार्वजनिक रूप से मेक्सिको और पनामा की सरकार द्वारा उपयोग के लिए जाना जाता है। 40 देशों में इसके 60 ग्राहक हैं। कंपनी ने कहा कि उसके 51% उपयोगकर्ता इंटेलिजेंस एजेंसियों, 38% कानून प्रवर्तन एजेंसियों और 11% सेना से संबंधित हैं।कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है, “NSO ग्रुप सरकारी एजेंसियों को स्थानीय और वैश्विक खतरों की एक वाइड रेंज का पता लगाने और उसे रोकने के लिए बेस्ट-इन-क्लास टेक्नोलॉजी को डेवलप करता है। हमारे प्रोडक्ट सरकारी खुफिया और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को आतंक और अपराध को रोकने और जांच करने के लिए एन्क्रिप्शन की चुनौतियों का सामना करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में मदद करते हैं।”

पेगासस खरीदने के कितने रुपए खर्च करने होंगे?

पेगासस स्पाइवेयर लाइसेंस के साथ बेचा जाता है। इसकी कीमत क्या होगी ये कंपनी और खरीदने वाले के बीच होने वाली डील पर तय होता है। इसके एक लाइसेंस की कीमत 70 लाख रुपए तक हो सकती है। एक लाइसेंस से कई स्मार्टफोन को ट्रैक किया जा सकता है। 2016 के अनुमानों के अनुसार, पेगासस का उपयोग करने वाले केवल 10 लोगों की जासूसी करने के लिए, NSO ग्रुप ने करीब 9 करोड़ रुपए की फीस ली थी। 2016 की प्राइस लिस्ट के अनुसार, NSO ग्रुप ने 10 डिवाइस को हैक करने के लिए अपने ग्राहक से 650,000 डॉलर (करीब 4.84 करोड़ रुपए) की फीस ली थी। इसके अलावा, इंस्टॉलेशन के लिए 500,000 डॉलर (करीब 3.75 करोड़ रुपए) अलग से लिए थे।

पेगासस काम कैसे करता है?

साइबर सिक्युरिटी रिसर्च ग्रुप सिटीजन लैब के मुताबिक, किसी डिवाइस में पेगासस को इंस्टॉल करने के लिए हैकर अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। एक तरीका ये है कि टारगेट डिवाइस पर मैसेज के जरिए एक “एक्सप्लॉइट लिंक” भेजी जाती है। जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है, पेगासस अपने आप फोन में इंस्टॉल हो जाता है।2019 में जब व्हाट्सऐप के जरिए डिवाइसेस में पेगासस इंस्टॉल किया गया था तब हैकर्स ने अलग तरीका अपनाया था। उस समय हैकर्स ने व्हाट्सएप के वीडियो कॉल फीचर में एक कमी (बग) का फायदा उठाया था। हैकर्स ने फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट के जरिए टारगेट फोन पर वीडियो कॉल किए थे। इसी दौरान एक कोड के जरिए पेगासस को फोन में इंस्टॉल कर दिया गया था।खबरें और भी हैं…

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