May 18, 2024 : 8:28 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

जापानी वैज्ञानिकों का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल:चावल से तैयार की कॉलरा की वैक्सीन, इसे स्टोर करने के लिए कूलिंग सिस्टम की जरूरत नहीं और न ही सुई का दर्द सहना पड़ेगा

11 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

जापान के वैज्ञानिकों ने चावल से कॉलरा (हैजा) की वैक्सीन तैयार की है। वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल रहा है। वैक्सीन तैयार करने वाली टोक्यो और चिबा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है, ट्रायल के दौरान इसके कोई साइडइफेक्ट नहीं दिखे हैं और बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दिखा है। इस वैक्सीन को म्यूको-राइस-सीटीबी नाम दिया गया है। लैंसेट माइक्रोब जर्नल में ट्रायल के पहले चरण के रिजल्ट पब्लिश किए गए हैं।

3 पॉइंट में समझें वैक्सीन की खासियत

  • स्टोरेज के लिए कूलिंग सिस्टम की जरूरत नहीं: शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस वैक्सीन को रूम टेम्प्रेचर पर भी रखा जा सकता है। इसके कहीं भी भेजने के लिए फ्रिज या कूलिंग सिस्टम की जरूरत नहीं होती।
  • सुई का दर्द नहीं झेलना पड़ेगा: कॉलरा की वैक्सीन के लिए सुई का दर्द झेलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह ओरल वैक्सीन है। इसे लिक्विड के साथ मिलाकर पीया जा सकता है।
  • आंतों की मेम्ब्रेन बढ़ृाती है इम्युनिटी: वैक्सीन लेने के बाद मरीज में आंतों की म्यूकोसल मेम्ब्रेन की मदद से इम्युनिटी यानी कॉलरा से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

ऐसे काम करती है वैक्सीन
टोक्यो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता हिरोशी कियोनो का कहना है, ट्रायल के दौरान मरीजों को वैक्सीन का लो (3mg) , मीडियम (6mg) और हाई (18mg) डोज दिया गया। लेकिन सबसे ज्यादा रिस्पॉन्स हाई डोज का देखा गया। वैक्सीन देने के बाद दूसरे और चौथे महीने में मरीजों में IgA और IgG एंटीबॉडी पाई गईं। IgA और IgG एंटीबॉडीज खास तरह के प्रोटीन हैं जिसे इम्यून सिस्टम रिलीज करता है। यह प्रोटीन कॉलरा टॉक्सिन-बी के संक्रमण से लड़ता है।

सेलाइन वाटर के साथ दी जा सकती है वैक्सीन
वैक्सीन तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों ने जेनेटिकली मोडिफाइड चावल के छोटे दानों वाले पौधे इंडोर फार्म में लगाए। फसल तैयार होने के बाद चावल को तोड़ लिया गया। इसे बेहद बारीक पीसा गया और स्टोरेज के लिए एल्युमिनियम पैकेट में रखा गया। टीकाकरण के दौरान इस पाउडर को 1/3 कप सेलाइन वाटर में मिलाया गया और मरीज को पिला दिया गया। वैज्ञानिकों का कहना है, इसे सादे पानी के साथ भी मरीज को दिया जा सकता है।

अब बीमारी को भी जान लीजिए

  • क्या है कॉलरा: कॉलरा (हैजा) बैक्टीरिया से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसका संक्रमण आमतौर पर गंदे और दूषित पानी की वजह से होता है। संक्रमण के बाद शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी होने पर बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।
  • अलग-अलग समय पर दिखते हैं लक्षण: कॉलरा के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग समय पर दिख सकते हैं। किसी में संक्रमण के कुछ घंटे बाद तो किसी में 2-3 दिन बाद लक्षण दिखते हैं।
  • ऐसे करें बचाव: गंदे पानी में धोई गई सब्जियों से कॉलरा होने का खतरा रहता है। इसलिए सब्जियां और सलाद को साफ पानी से धोने के बाद ही खाएं। सी-फूड और मछलियों से कॉलरा हो सकता है। गंदगी वाले क्षेत्र में हैजा फैलने का खतरा अधिक होता है।
खबरें और भी हैं…

Related posts

सिगरेट और वाटरपाइप से भी कोरोनावायरस का खतरा, केंद्र सरकार ने ट्विटर पर जानकारी साझा की; डब्ल्यूएचओ ने भी किया अलर्ट

News Blast

सीहोर में उजागर हुआ धर्मान्तरण का मामला, 4 लोगों पर प्रकरण हुआ दर्ज

News Blast

भास्कर नॉलेज सीरीज: वैक्सीन के दोनों डोज लगे हों तो भी कोरोना हो सकता है, मगर गंभीर लक्षणों की आशंका 100% तक कम; संक्रमण से मौत नहीं होगी

Admin

टिप्पणी दें