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- The Method Of Mathematics Will Tell The Correct Posture Of Yoga, Will Know Whether Improvements Are Necessary, Accuracy Can Be Measured
नई दिल्ली14 घंटे पहले
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गणितीय मैट्रिक्स विधि योग की यांत्रिकी को समझने में मदद करेगी। साथ ही भविष्य के अध्ययन के लिए नींव भी तैयार करेगी।
शोधकर्ताओं ने स्थिरता और सटीकता के आधार पर योगासनों की शुद्धता मापने की एक गणितीय मैट्रिक्स टेक्नीक विकसित की है। यह गणितीय मैट्रिक्स इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) पर आधारित है। EMG के जरिए मांसपेशियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है, अब इससे योगासनों के सही मुद्रा और शुद्धता का पता लगाया जा सकेगा। इसमें सही सुधार किए जा सकेंगे। इससे साधक आसनों का अधिक फायदा पा सकेंगे।
शोध में मांसपेशियों का अध्ययन किया गया
- कर्नाटक के एमएस रमैया मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसएन ओमकार के नेतृत्व में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रमेश डीवी ने यह शोध किया है। इस शोध में योगासनों के दौरान मांसपेशियों के व्यवहार पर अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों मापदंडों का अध्ययन करने के लिए EMG का उपयोग किया।
- अध्ययन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ योगा एंड मेडिटेशन (सत्यम) प्रोग्राम के सहयोग से किया गया। इसमें 21 से 60 साल की आयु वाले 60 स्वस्थ महिला और पुरुष प्रतिभागी शामिल हुए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरू की बायोमैकेनिक्स प्रयोगशाला में दो साल तक यह अध्ययन चला।
- शामिल प्रतिभागियों को फाइनल पोजीशन में सामान्य सांस और शांत मस्तिष्क के साथ 20 सेकंड तक रहने को कहा गया था। यही प्रक्रिया विभिन्न योगासनों के साथ दोहराई गई। इन आसनों में प्रमुख रूप से त्रिकोणासन, वृक्षासन, वीरभद्रासन, पार्श्वकोणासन शामिल थे।
योगाभ्यास में सुधार कर पाएंगे, मांसपेशियों की स्पष्ट छवि
डॉ. ओमकार बताते हैं, ‘गणितीय विधि से सटीक योगासन करने के अलावा अधिकतम लाभ पाने में भी मदद मिलेगी। इससे योगाभ्यास करने वाले मांसपेशी की गतिविधि जान पाएंगे, जिससे वह आवश्यक सुधार भी कर सकते हैं। यह विधि योग की यांत्रिकी को समझने में मदद करेगी। साथ ही भविष्य के अध्ययन के लिए नींव भी तैयार करेगी।’