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व्रत-त्योहार: ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि पर अप्सरा रंभा ने किया था व्रत इसलिए नाम पड़ा रंभा तीज

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Hindi NewsJeevan mantraDharmVrat festival Apsara Rambha Fasted On The Third Day Of Shukla Paksha Of Jyeshtha Month, Hence The Name Rambha Teej.

6 घंटे पहले

कॉपी लिंकसुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना से करती हैं ये व्रत

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रंभा तीज व्रत रखे जाने का जिक्र पुराणों में मिलता है। इस साल 13 जून, रविवार यानी आज रंभा तीज मनाई जाएगी। इस दिन कुंवारी लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं के द्वारा पूजा और व्रत का विधान है। इस तीज व्रत को अप्सरा रंभा ने भी किया था, इस वजह से इसे रंभा तीज के नाम से जाना जाता है। कुंवारी लड़कियां अपनी पसंद के वर की कामना से इस व्रत को रखती हैं।

समुद्र मंथन से जुड़ा है प्रसंगपौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमृत मंथन में निकले चौदह रत्नों में रंभा का आगमन समुद्र मंथन से होने के कारण वे पूजनीय हैं। अप्सराओं का संबंध स्वर्ग से माना जाता है, इसलिए उनके पास कई दिव्य शक्तियां होती हैं।

ऐसे करें पूजारंभा तीज के दिन सुहागन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करती हैं। अपने सुहाग की लंबी कामना के लिए सोलह शृंगार करती हैं व सौभाग्य एवं सुख की प्राप्ति के लिए तीज व्रत रखती हैं।

मान्यता: बढ़ता है सौंदर्यरंभा तीज के दिन विवाहिता महिलाएं गेहूं, अनाज और फूल के साथ चूड़ियों के जोड़े की भी पूजा करती हैं। इस दिन पूजा-उपासना करने से महिलाओं का आकर्षण, सुन्दरता और सौंदर्य बना रहता है। पति की लंबी आयु, योग्य वर के साथ ही निसंतान महिलाओं को संतान सुख भी इस व्रत से मिलता है।

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