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राष्ट्रविरोधी ताकतों के जुल्म की कहानी: ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों की साजिश का शिकार हुआ पढ़ने गया हरियाणा मूल का युवक; जानें क्यों है जेल में

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Hindi NewsLocalHaryanaA Young Man Of Haryana Origin Went To Study In Australia As A Victim Of The Conspiracy Of Khalistanis; Know Why He Is In Jail

चंडीगढ़32 मिनट पहले

कॉपी लिंकऑस्ट्रेलिया में साजिश का शिकार हुआ बताया जा रहा हरियाणा मूल का विशाल जूड। - Dainik Bhaskar

ऑस्ट्रेलिया में साजिश का शिकार हुआ बताया जा रहा हरियाणा मूल का विशाल जूड।

भारतविरोधी ताकतें विदेश में बैठकर किस तरह से अपना षड्यंत्र फैलाए हुए हैं, इसका हाल ही में एक ताजा उदाहरण सामने आया है। 24 साल का भारतीय मूल का युवक विशाल ऑस्ट्रेलिया में जेल में है और इसके पीछे खालिस्तान समर्थकों की साजिश जिम्मेदार बताई जा रही है। आरोप है कि विशाल जूड नामक इस युवक ने कथित तौर पर पगड़ीधारियों पर हमला किया है। विशाल पर गम्भीर अपराध की योजना के साथ हथियार रखने जैसे आरोप लगाए गए हैं। आइए इस मामले को थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

खालिस्तान प्रकरण से जुड़ा है विशाल का मामलायह पूरा मामला ऑस्ट्रेलिया में बढ़ रहे खालिस्तानी विचारधारा वाले सिखों एवं अन्य भारतीयों के बीच की रंजिश का है। जिन हमलों के लिए विशाल पर आरोप लगाए गए हैं, वह तीनों ही कथित तौर पर सरदारों पर हुए हैं। ये सरदार खुद को भारतीय नहीं मानते, बल्कि खालिस्तानी विचारधारा एवं खालिस्तान जैसे अलग राज्य का स्वप्न रखते हैं।

सिडनी में कथित सिखों और गैरसिख भारतीयों में हुई एक झड़प की तस्वीर।

सिडनी में कथित सिखों और गैरसिख भारतीयों में हुई एक झड़प की तस्वीर।

ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी विचाधाराऑस्ट्रेलिया में रहने वाले सरदारों के बीच कट्टरपंथ चलाने में कई खालिस्तानी कथित नेताओं का हाथ है। ये सभी नेता इंटरनेट पर अपनी हिंदू-घृणा का प्रदर्शन करते देखे जा सकते हैं। अमर सिंह नामक एक खालिस्तानी समर्थक द्वारा ऑस्ट्रेलिया में ‘टर्बन4ऑस्ट्रेलिया’ नामक एक संस्था बनाई गई है। इस आदमी ने ऑस्ट्रेलियन मीडिया के सामने यह कहा कि सरदारों की पगड़ी के कारण उन्हें चिह्नित करके उन पर हमले किए जाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया से पहले भी कई ऐसी वीडियो आई हैं, जिनमें खालिस्तानी युवकों एवं अन्य भारतीयों की मुठभेड़ देखी जा सकती है। इन वीडियोज़ को सहारा बनाकर खालिस्तानी समूहों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में यह नैरेटिव गढ़ा गया कि पगड़ी पहने सिखों पर अन्य हिंदुओं (भारतीयों) द्वारा हमले किए जा रहे हैं।

किसान आंदोलन की भूमिकाभारत में चल रहे कथित किसान आंदोलन ने इस मामले को और गर्म कर दिया। ऑस्ट्रेलिया में विभिन्न स्थानों पर किसान आंदोलन को लेकर खालिस्तानियों द्वारा जुलूस एवं विरोध प्रदर्शन किए जाने लगे। इन्हीं प्रदर्शनों में कई घटनाएं पर्थ, सिडनी और मेलबर्न जैसे शहरों से सामने आई हैं, जहां पर खालिस्तानियों द्वारा भारतीयों के व्यापार एवं दुकानों पर हमले किए गए। ऑस्ट्रेलिया में भी विरोध प्रदर्शन किए गए थे। पिछले साल सिडनी के क्वेकर्स हिल में किए गए इन्हीं में से एक विरोध प्रदर्शन में जहां विशाल और उनके दोस्त भारत-विरोधी, झूठी बयानबाजी का विरोध करने गए थे। उन पर खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने हमला बोल दिया।

इस दौरान सिडनी के एक गुरुद्वारे से तिरंगे के जलाए जाने का भी समाचार आया। इस घटना के प्रतिकार में भारतीय छात्रों द्वारा भी खालिस्तानी झंडा जलाया गया। उसी समय ऐसी कई वीडियो इंटरनेट पर आने लगे, जिनमें भारतीयों द्वारा भी खालिस्तानी समर्थकों के विरोध में कार रैली एवं प्रदर्शन किए जाने लगे। ऐसा ही मौका ढूंढकर खालिस्तानियों ने मीडिया एवं पुलिस में यह नैरेटिव रचते हुए विशाल पर निशाना साधा और उसे फंसवाया। दावा किया गया कि हिंदुओं द्वारा पगड़ी पहनने वाले सिखों पर हमले किए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीड़ियो का स्क्रीनशॉट, जिसमें लिखा गया था कि हरियाणवियों को घर में घुसकर मारा।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीड़ियो का स्क्रीनशॉट, जिसमें लिखा गया था कि हरियाणवियों को घर में घुसकर मारा।

अब क्यों जागी पुलिस ?अन्य सभी जातिवादी हमलों पर शांत रहने वाला ऑस्ट्रेलियाई मीडिया एवं पुलिस इस मामले पर ही क्यों जागे और विशाल की गिरफ्तारी हुई इसका उत्तर वहां की जनसांख्यिकी है। भारत में 2% की आबादी रखने वाले सिख ऑस्ट्रेलिया में एक भारी वोट बैंक का हिस्सा हैं। 5 लाख भारतीय प्रवासियों में दो तिहाई का बहुमत सिख समुदाय ही रखता है। ऐसे में इन खालिस्तानी समर्थकों द्वारा इस बात का फायदा उठाकर प्रशासन एवं मीडिया को अपने खेमे में करना कोई मुश्किल कार्य नहीं था।

विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर साल 2018 का मुकद्दमा भी ठोक दिया गया, जिसकी व्याख्या पुलिस ने अब तक नहीं की है। भारतीय हाई कमीशन को भी विशाल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। डायबिटीज़ की बीमारी के शिकार विशाल को न तो कई दिन तक जेल में अपने परिवार-दोस्तों से मिलने दिया गया और न ही दवा उपलब्ध कराई गई।

विशाल के वकील ने यह भी बताया है कि जेल के अंदर एक खालिस्तानी समर्थक सिख सिपाही द्वारा उसे यातनाएं भी दी गई हैं। विशाल की कहानी हर भारतीय तक पहुंचना और अधिक आवश्यक इसलिए भी है कि न जाने ऐसे कितने भारतीयों को विदेशों में आपसी रंजिश के आधार पर या केवल हिंदू पहचान देखकर निशाना बनाया जाता है। भारत सरकार को भी इस विषय में सोचने एवं संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

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