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- Credit Offtake Remained Low In The First Half Despite Banks Having Huge Cash And Very Low Interest Rates
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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सभी बैंक समूहों में कर्ज की वृद्धि दर में सुस्ती बनी रही, यह सुस्ती विदेशी बैंकों में खास तौर से देखी गई
- नॉन-फूड क्रेडिट ग्रोथ 25 सितंबर 2020 को साल-दर-साल आधार पर 5.1% रहा, जो एक साल पहले 8.6 फीसदी था
- सरकारी बैंकों का भी क्रेडिट ऑफटेक सुस्त रहा, लेकिन मार्च 2020 के मुकाबले इसमें बढ़ोतरी देखी गई
इस कारोबारी साल की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) तिमाही में बैंकों से क्रेडिट ऑफटेक कम रहा, जबकि इस दौरान बैंकों के पास काफी ज्यादा नकदी थी और ब्याज दर भी बहुत कम थी। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अक्टूबर 2020 के लिए जारी की गई मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी के बीच माहौल में अनिश्चितता हावी रहने और मांग कम रहने के कारण क्रेडिट ऑफटेक में सुस्त बढ़ोतरी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉन-फूड क्रेडिट ग्रोथ 25 सितंबर 2020 को साल-दर-साल आधार पर 5.1 फीसदी रहा। एक साल पहले यह दर 8.6 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक सभी बैंक समूहों में कर्ज की वृद्धि दर में सुस्ती बनी रही। यह सुस्ती खास तौर से विदेशी बैंकों में देखी गई। सरकारी बैंकों का भी क्रेडिट ऑफटेक सुस्त रहा, लेकिन मार्च 2020 के मुकाबले इसमें बढ़ोतरी देखी गई।
सभी प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में क्रेडिट ग्रोथ घटा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में नॉन-फूड क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट आई। पर्सनल लोन और कृषि लोन में जुलाई 2020 में कुछ सुधार दिखा, लेकिन अगस्त में यह स्थित कायम नहीं रह सकी। सर्विस और औद्योगिक सेक्टर्स में भी क्रेडिट ग्रोथ पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कुछ बेहतर संभावना दिखाने के बाद घट गया।
अगस्त में दिए गए कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा पर्सनल लोन का रहा
अगस्त 2020 में बैंकों द्वारा दिए गए कुल कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा पर्सनल लोन का रहा। इसके बाद सबसे ज्यादा लोन सर्विस सेक्टर को मिला। अगस्त में पर्सनल लोन और सर्विस व कृषि सेक्टर्स को दिए गए लोन में साल-दर-साल आधार पर बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन औद्योगिक सेक्टर को दिए गए लोन में गिरावट रही।