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अब 54 साल के बुजुर्ग का पन्नी में लिपटा 9 दिन पुराना शव मिला; परिजन को खबर तक नहीं थी

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इंदौर3 घंटे पहले

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एमवाय अस्पताल में काली प्लास्टिक में लिपटा पड़ा तानाजी का शव।

  • पीथमपुर के बुजुर्ग को 6 सितंबर को एमटीएच में भर्ती कराया गया था, कोरोना पॉजिटिव थे
  • निधन होने पर एमटीएच ने परिजन को खबर किए बिना एमवायएच मॉर्चरी में शव भेज दिया

मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल (एमवायएच) से अमानवीय तस्वीरें लगातार सामने आ रहीं हैं। अब यहां 54 साल के बुजुर्ग का 9 दिन पुरानी हालत में शव मिला है। इससे पहले यहां मॉर्चरी रूम में शव के कंकाल बनने का मामला सामने आ चुका है। गुरुवार को ही दो महीने के बच्चे का पुराना शव भी मिल चुका है।

बुजुर्ग पीथमपुर के रहने वाले बताए गए हैं। 6 सितंबर को दोपहर 4.36 बजे 54 साल के तानाजी को परिजन ने एमटीएच में भर्ती करवाया था। कोविड टेस्ट में वह पॉजिटिव निकले। 9 सितंबर की शाम 7.30 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। इस पर एमटीएच ने परिजन को बिना सूचना दिए शव को पॉलीथिन में लपेटकर एमवायएच के मॉर्चरी रूम भेज दिया। एमवायएच में भी शव की इंट्री तो कर ली गई, लेकिन पुलिस को सिर्फ इतनी जानकारी दी कि इसके परिजन को तलाश करना है।

पुलिस का कहना, कोई रिकॉर्ड नहीं दिया

हेड कांस्टेबल नारायण सिंह ने बताया कि हमें सिर्फ एमवायएच की मॉर्चरी से ये सूचना दी गई कि इनके परिजन को तलाशना है। न तो एमटीएच ने इस मरीज को लाने वाले परिजन की जानकारी दी, न ही एमवायएच प्रबंधन ने बॉडी को मॉर्चरी में रखवाने वालों से मृतक के परिवार वालों के नाम-पते लिए। शव रखकर हमेशा की तरह फिर भूल गए।

9 सितंबर की इंट्री मिली

तानाजी के शव को लेकर जांच हुई तो रजिस्ट्रर में 9 सितंबर की इंट्री मिली। इसके बाद एमटीएच प्रबंधन ने परिजन को फोन कर बुलाया। मृतक का बेटा और पत्नी शव लेने पहुंचे। 9 दिन बाद मौत की जानकारी देने पर वे भी नाराज हुए, लेकिन प्रबंधन के लोगों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। गरीब होने पर वे भी चुपचाप बॉडी लेकर रवाना हो गए। भास्कर ने मृतक की पत्नी और बेटे से संपर्क किया, लेकिन वे बात करने को राजी नहीं हुए।

भोपाल भेजा जा सकता है कंकाल

18 दिन से मॉर्चरी में स्ट्रेचर पर पड़े-पड़े कंकाल में तब्दील हुए शव की न तो कोई पहचान कर सका है, न ही उसका अब तक पोस्टमाॅर्टम हुआ है। मामला जांच में आने के बाद कंकाल बने शव को सुरक्षित रखने के लिए अब मॉर्चरी के बॉडी कूलर में रखवा दिया गया है। अब इस कंकाल का या तो भोपाल से विशेष टीम बुलाकर पोस्टमॉर्टम होगा या फिर इसे भोपाल स्थित एमएलआई (मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट) में भेजा जाएगा। यहां कंकाल बने जटिल और गंभीर मामलों के शवों के पोस्टमाॅर्टम की व्यवस्था है।

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