- कानपुर के राजकीय बाल गृह की 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित मिली थीं, इनमें पांच गर्भवती थीं
- प्रियंका गांधी ने बालिकाओं के गर्भवती मिलने पर मामले की तुलना देवरिया और मुजफ्फरपुर में हुई इसी तरह की घटना से की थी
दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 01:18 PM IST
लखनऊ. कानपुर राजकीय बालिका गृह में कोरोना संक्रमित 57 लड़कियों में से पांच के गर्भवती मिलने के मामले में प्रियंका गांधी और योगी सरकार आमने-सामने आ गए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका को नोटिस भेजा था। अब प्रियंका ने कहा है कि ट्विटर के जरिए जवाब दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा- जो भी कार्रवाई करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं। कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।
धमकियां देना बंद करे यूपी सरकार
प्रियंका ने कहा- जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रोपेगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियां देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है। जो भी कार्रवाई करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी।
माना जा रहा है कि इस ट्वीट से प्रियंका बसपा प्रमुख मायावती पर भी निशाना साधा है। मायावती अक्सर भाजपा की बजाए कांग्रेस पर हमले करती हैं। कुछ दिन पहले जौनपुर में दलितों का घर जलाए गए थे। तब मायावती ने योगी सरकार की तारीफ की थी। मायावती ने कहा था कि आरोपियों पर एनएसए और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सही है।
.. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।..2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
कानपुर बालिका गृह का मामला क्या है
कानपुर के राजकीय बालिका गृह में 17 से 19 जून के बीच 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित मिलीं। इनमें से पांच गर्भवी पाई गईं। एक एचआईवी तो दूसरी हेपेटाइटिस से भी संक्रमित थी। प्रियंका ने मामले को देवरिया और मुजफ्फरपुर में हुए मामले जैसा बताया। जांच की मांग की। गुरुवार को बाल संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी कर दिया।
आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर विशेष गुप्ता ने कहा, “बालगृह में 171 बालिकाएं हैं। इन्हें पॉक्सो एक्ट के तहत कानपुर, एटा, आगरा, कन्नौज और फिरोजबाद की बाल कल्याण समिति ने सुरक्षा एवं सरंक्षण के लिए बालगृह कानपुर भेजा था। इनमें से अब तक 63 संक्रमित मिल चुकी हैं। लेकिन, प्रियंका सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने जेजे एक्ट का उल्लंघन किया। फेसबुक पर भ्रामक व असत्य पोस्ट लिखी। अगर वे तीन दिन में खंडन नहीं करतीं तो कार्रवाई की जाएगी।”
आगरा डीएम ने भी जारी किया था नोटिस
कानपुर मामले से पहले प्रियंका ने आगरा में कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए थे। प्रियंका ने लिखा था- 48 घंटे के भीतर 28 मरीजों की मौत कोरोना हुई। डीएम आगरा प्रभु नारायण सिंह ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया था।
इसके बाद प्रियंका ने लिखा था- आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली व मुंबई से भी अधिक है। यहां कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8 फीसदी है। यहां कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35% यानी 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर हुई है। ‘आगरा मॉडल’ का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं? मुख्यमंत्रीजी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं।
कोरोना से सबसे अधिक मृत्युदर वाले 15 जिलों में 4 जिले यूपी के हैं।
झांसी:हर 10 कोरोना पीड़ित में एक की मौत
मेरठ:हर 11 में एक कोरोना पीड़ित की मौत
आगरा और एटा में हर 14 कोरोना पीड़ित में एक की मौत हुई है
सोचने वाली बात है अगर केस बढ़ नहीं रहे तो मृत्युदर इतनी ज्यादा क्यों है? pic.twitter.com/971vb0y1nB
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 24, 2020