- 2 जुलाई से चातुर्मास लगने के बाद 5 महीने तक रहेगी शादियों पर रोक
दैनिक भास्कर
Jun 25, 2020, 04:52 AM IST
श्याेपुर. भड़ली नवमी 29 जून को मनाई जाएगी। जून माह में विवाह जैसे मांगलिक कार्य के लिए भड़ली नवमी अबूझ मुहूर्त होने के कारण विशेष शुभ है। इसके अलावा इस माह में विवाह के सिर्फ 4 और श्रेष्ठ मुहूर्त हैं। 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके चलते विवाह जैसे मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। 2 जुलाई से चातुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा।
नूतन संवत्सर के उपरांत विवाह मुहूर्त का प्रारंभ एक मई से हुआ था, जो देवशयनी एकादशी तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. नीलेश कृष्ण शास्त्री के अनुसार मई माह में विवाह जैसे शुभ मांगलिक कार्यों के 11 मुहूर्त थे। जून माह में भड़रिया नवमी सहित 4 श्रेष्ठ मुहूर्त बचे हैं। एक जुलाई को देवशयनी के साथ करीब पांच माह के लिए विवाह जैसे मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। कोरोना महामारी के चलते मई माह में जिन जातकों के विवाह संस्कार रुक गए थे। वे 29 जून को भड़ली नवमी के अबूझ मुहूर्त में विवाह कर सकते हैं। एक जुलाई से चातुर्मास शुरू होने पर विवाह पर करीब पांच माह का ब्रेक लगेगा। मुहूर्त सीधे 25 नवंबर के बाद प्रारंभ होगे।
नवंबर में सिर्फ दो दिन और दिसंबर में सात दिन ही विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद गुरु व शुक्र के अस्त होने पर विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल से प्रारंभ होंगे। नए वर्ष में भी केवल 45 दिन श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे, जबकि इस वर्ष करीब 70 दिन के श्रेष्ठ मुहूर्त थे।
एक जुलाई से 5 माह तक नहीं रहेंगे मुहूर्त: एक जुलाई देवशयनी एकादशी से विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे, फिर देवउठनी एकादशी 25 नवंबर से प्रारंभ होंगे। जुलाई से नवंबर तक 5 माह विवाह पर ब्रेक रहेगा। इस वर्ष नवंबर में 26 व 27 तारीख को ही मुहूर्त रहेंगे, जबकि दिसंबर में केवल 1 से 11 तक सात दिन ही मुहूर्त रहेंगे।
कोरोना महामारी के कारण शादियों पर लगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य श्री शास्त्री के अनुसार जून माह में 27, 28, 29, 30 शुभ मुहूर्त हैं। इसमें 29 जून का विशेष मुहूर्त है। इस वर्ष कोरोना महामारी का विवाह पर ऐसा ग्रहण लगा कि मार्च से अब तक नाम मात्र के ही दाम्पत्य सूत्र में बंधे। अब इस माह छह दिन मुहूर्त हैं, पर इनमें भी विवाह कम संख्या में होंगे। 15 दिसंबर को गुरु और शुक्र ग्रह अस्त हो जाएंगे।