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यहां आनेवाले हर व्यक्ति का क्वारैंटाइन होना तय है, यही वजह कि 8 राज्यों में अभी तक कोरोना के सिर्फ 8 हजार केस हैं

  • हर एंट्रेंस पर सभी राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नर तैनात हैं जो आने वाले यात्रियों को बस में बिठाकर क्वारैंटाइन सेंटर ले जाते हैं
  • असम में 5500 पाॅजिटिव मरीजों में 5 हजार बाहर से आए, सभी क्वारैंटाइन हुए इसलिए अब तक सिर्फ 500 स्थानीय लोग ही संक्रमित
  • रात 10 बजे सभी राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नर्स की टीमें यहां से निकल जाती हैं, इसके बाद लोग गाड़ियों में बैठकर जाने लगते हैं

दैनिक भास्कर

Jun 24, 2020, 06:32 AM IST

गुवाहाटी. नॉर्थ ईस्ट का मेघालय देश में कोरोना संक्रमण की सूची में सबसे नीचे 36वें स्थान पर है। यहां रोगियों की संख्या अभी 100 से भी कम है। यही स्थिति त्रिपुरा, असम, मणिपुर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम व नागालैंड में भी है। कोरोनाकाल में भारत का यही हिस्सा है जहां संक्रमण के मामले कम हैं। इन सभी आठों प्रदेशों में कुल मरीजों की संख्या अभी 8 हजार तक पहुंची है। जबकि देश में 12वें स्थान पर बैठे अकेले तेलंगाना में करीब 9 हजार केस आ चुके हैं।

मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने हाल ही में कोरोना टेस्ट करवाया, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।

हर एंट्रेंस पर तैनात हैं रेजिडेंट कमिश्नर

  • गुवाहाटी एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हमें नॉर्थ ईस्ट मॉडल देखने को मिल गया। राजधानी दिल्ली बार-बार यूपी-हरियाणा के बॉर्डर सील कर देती है, उधर पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस बॉर्डर पर आपस में ही झगड़ती रहती है, लेकिन नॉर्थ ईस्ट के 8 प्रदेश आपस में मिलकर कोरोना से मुकाबला कर रहे हैं।
  • ऐसा कोई एंट्रेंस नहीं है जहां सभी राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नर एक साथ तैनात नहीं है। वे बाहर से आने वाले हर यात्री को सीधे बस में बैठाकर अपने-अपने राज्यों के क्वारैंटाइन सेंटर ले जाते हैं। पिछले महीने मुंबई से आए 57 लोग ट्रेन की चेन खींच कर बीच रास्ते से भाग गए थे, लेकिन सभी को पकड़ कर क्वारैंटाइन सेंटर में डाल दिया गया। 
मिजोरम की 95 साल की नघाकलियानी लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क बांट रहीं हैं। 

हर हाल में 14 दिन क्वरैंटाइन होना ही पड़ेगा

  • हाल ही में राज्यसभा चुनाव के बाद मणिपुर पहुंचे कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन और असम के सांसद गौरव गोगोई को भी क्वारैंटाइन होना पड़ा था। इसी दिन हम भी दिल्ली से गुवाहाटी पहुंचे थे। हमने इस मॉडल में सेंध लगाने की संभावनाएं टटोली। एयरपोर्ट के एग्जिट गेट पर एक-एक की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और पूछा गया कि कहां जाएंगे?
  • हमें पता था कि असम में रुकने को बोला तो 7 दिन क्वारैंटाइन होना पड़ेगा। इसलिए हमने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग जाना है। सोचा कि इस तरकीब से हम असम पार कर तवांग चले जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
  • हमसे कहा गया कि सामने सभी राज्यों के काउंटर लगे हैं, जिस भी राज्य में जाना है पहले उस काउंटर से फार्म भरना होगा, फिर ही एयरपोर्ट से बाहर निकलने को मिलेगा। हमनें अरुणाचल प्रदेश के डिप्टी रेजिडेंट कमिश्नर दिलीप कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि कल रात से ही ऑनलाइन इनर लाइन परमिट बंद कर दिए गए हैं। आप ऑफलाइन परमिट तो बना सकते हैं, लेकिन उसके बाद भी आपको स्टेट की सीमा में घुसते ही 14 दिन क्वारैंटाइन किया जाएगा।
गुवाहाटी में कलाकारों ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में कई स्थानों पर रंगोली बनाई है।

जांच निगेटिव आने पर भी क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा

  • हमने कहा कि यदि मेघालय चले जाएं तो? पास के काउंटर से मेघालय रेजिडेंट कमिश्नर की टीम बोली, कोई बात नहीं आप हमारे पास आकर फार्म भर दीजिए हम आपको अपने प्रदेश की सीमा में ले जाकर क्वारैंटाइन कर देंगे। यानी आप किसी भी प्रदेश में जा तो सकते हैं लेकिन हर जगह क्वारैंटाइन होना ही होगा। असम के स्वास्थ्य मंत्री डा. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में सभी यात्रियों का स्वागत है, लेकिन कोराेना की एंट्री बैन है। जांच निगेटिव आने पर भी क्वारैंटाइन सेंटर का समय तो पूरा करना ही पड़ेगा। उसके बाद ही मूवमेंट संभव है।
  • यह व्यवस्था मंत्री, सांसद, विधायक और आम यात्री सभी के लिए एक जैसी है। इन आठों प्रदेशों के 10 एयरपोर्ट अभी एक्टिव हैं, जहां सबसे ज्यादा गुवाहाटी में रोज 15 से 30 फ्लाइट हैं, ऐसे ही नागालैंड के दीमापुर, मिजोरम के आइजोल, मणिपुर के इंफाल, त्रिपुरा के अगरतला व मेघालय के शिलांग एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट्स की आवाजाही शुरू हो चुकी है, लेकिन सभी एयरपोर्ट पर राज्यों की टीमें तैनात हैं।
गुवाहाटी के कलाकारों ने लोगों में कोरोना को लेकर अवेयर करने के लिए पेंटिंग्स बनाई हैं।

सुरक्षा में सेंध भी है, लेकिन रात 10 बजे के बाद

  • जितनी सख्त नॉर्थ ईस्ट की सरकारें थी उससे कम जिद्दी हम भी नहीं थे। सुरक्षा में सेंध ढूंढ़ते हुए हम 20 घंटे तक एयरपोर्ट पर ही रुके रहे। जिन्होंने फार्म भर दिए थे उन्हें गाड़ियों में बैठाकर ले गए। हमारे साथ 50 लोग बच गए जिन्होंने बताया था कि हमें यहीं से लौटना है। हमें रात 10 बजे तक वेटिंग हॉल में रखा गया। फिर एयरपोर्ट से अचानक सभी स्टेट के रेजिडेंट कमिश्नर की टीमें निकल गईं और कर्मचारी एयरपोर्ट को खाली कराने आ गए।
  • उन्होंने सभी को बाहर निकाला और कहा कि रोड पर लगी कुर्सियों पर रात बितानी होगी। अब हम रात का नजारा देखने लगे, धीरे-धीरे टैक्सियां आने लगीं और लोग उसमें बैठकर जाने लगे। तब हमने वहां के पुलिस कमिश्नर एमपी गुप्ता से संपर्क किया। उन्होंने बताया गया कि सभी यात्रियों की सूची उनके पास है, जो भी लोग निकले हैं, वे क्वारैंटाइन सेंटर जाने से बच नहीं सकते हैं। उन्हें पुलिस ले ही आएगी, हो सकता है वह तब तक अपने घर पहुंचकर खुद पॉजिटिव होने के साथ-साथ परिवार के लोगों को भी संक्रमित कर दे।

आंकड़े बताते हैं, मुस्तैदी से ही मुकाबला संभव है

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