- भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई
- इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए, जिनमें से 13 बिहार की दो अलग-अलग रेजिमेंट के
दैनिक भास्कर
Jun 17, 2020, 07:21 PM IST
पटना/रांची/रायपुर/जालंधर/भोपाल. गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए। इनमें से 13 बिहार के हैं। कई ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र 21 से 25 साल के बीच है। कोई मां से बोलकर गया था कि अबकी लौटूंगा तो पिता का इलाज करवाऊंगा। किसी का घर में इसलिए इंतजार हो रहा था, क्योंकि उसने कहा था कि छुट्टियों में लौटूंगा तो शादी कर लूंगा। पढ़िए सीमा पर शहीद हुए 9 वीरों की कहानी…
लौटकर पिता का इलाज कराने वाले थे सुनील कुमार
पटना के बिहटा में तारा नगर के शिकरिया के जवान सुनील कुमार भी इस झड़प में शहीद हुए। 35 साल के सुनील जल्द ही छुट्टी लेकर घर लौटने वाले थे। सुनील की मां रुक्मिणी देवी ने बताया कि कुछ दिन पहले फोन पर उससे मेरी बात हुई थी। उसने कहा था कि मां जल्द ही छुट्टी लेकर घर आऊंगा। उसके पिता (वासुदेव साह) लकवाग्रस्त हैं। उनके इलाज की बात कर रहा था। अब तो वह खुद चला गया है। अब कौन इलाज करवाएगा।
मध्य प्रदेश: 21 साल के दीपक शहीद, 8 महीने पहले हुई थी शादी
मध्य प्रदेश में रीवा जिले के मनगवां के ग्राम फरेहदा के रहने वाले 21 साल के दीपक सिंह भी इस हिंसक झड़प में शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों ने यह सूचना दीपक के पिता को मंगलवार रात फोन पर दी। जवान बेटे की शहादत की खबर से घर से लेकर गांव तक में मातम छा गया। दीपक की शादी 8 महीने पहले ही हुई थी। सेना ने दीपक के पार्थिव शरीर को लेह में रखा है। इसे गुरुवार को रीवा और फिर उनके गांव फरेहदा लाया जाएगा।
मां-बाप के इकलौते बेटे थे छत्तीसगढ़ के गणेश कुंजाम
इस हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ के जवान गणेश कुंजाम भी शहीद हो गए। कांकेर के कुरुटोला गांव के रहने वाले गणेश की एक महीने पहले ही चीन सीमा पर पोस्टिंग हुई थी। गणेश हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। गरीब परिवार से आने वाले गणेश कुंजाम मां-बाप के इकलौते बेटे थे।
उन्होंने 12वीं के बाद ही 2011 में आर्मी ज्वॉइन कर ली थी। 27 साल के गणेश कुंजाम जब पिछली बार घर आए थे, तो उनकी शादी तय कर दी गई थी। घरवाले शादी की तैयारियों में जुटे थे मगर कोरोना के कारण तारीख तय नहीं हो सकी। गणेश ने परिवार से कहा था कि कोरोना खत्म होने के बाद घर लौटेंगे, तभी शादी करेंगे। मगर उसके पहले उनके शहीद होने की खबर आ गई।
एक साल पहले हुई थी शहीद जवान अमन की शादी
हिंसक झड़प में समस्तीपुर के जवान अमन कुमार सिंह शहीद हो गए। अमन सुल्तानपुर गांव के रहने वाले सुधीर कुमार सिंह के बेटे थे। अमन की शादी एक साल पहले हुई थी। शहादत की खबर मिलने के बाद से अमन की पत्नी सदमे में हैं। वह रोते-रोते बेहोश हो रही हैं। अमन के पिता और परिवार के अन्य लोगों के भी आंसू थम नहीं रहे हैं।
गुरतेज सिंह 3 दिन पहले बड़े भाई की शादी में शामिल नहीं हो पाए थे
चीन सीमा पर पंजाब के मानसा के जवान गुरतेज सिंह शहीद भी हो गए। उनका पार्थिव शरीर शायद एक-दो दिन बाद अपने गांव पहुंचेगा। शहीद गुरतेज सिंह मानसा के गांव वीरे वाला डोकरा के रहने वाले थे। अभी तीन दिन पहले ही भाई की शादी हुई है, लेकिन सीमा पर तनाव की वजह से गुरतेज सिंह इस शादी में शामिल नहीं हो पाए थे।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प में सहरसा के जवान कुंदन कुमार शहीद
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में बिहार के सहरसा के जवान कुंदन कुमार शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर से परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है। कुंदन विशनपुर पंचायत के आरण गांव के रहने वाले थे। मंगलवार देर रात परिवार को इसकी सूचना मिली। खबर मिलने के बाद से कुंदन कुमार की पत्नी पति की फोटो हाथ में लिए बिलख-बिलख कर रो रही हैं। कुंदन दो बच्चों के पिता थे।
कुंदन के पिता का नाम निमिन्द्र यादव हैं। कुंदन की शादी मधेपुरा जिले के घैलाढ़ थाना क्षेत्र के इनरबा गांव की बेबी कुमारी से हुई थी। शहीद कुंदन के चाचा महेंद्र यादव ने कहा कि 2012 में कुंदन सेना में शामिल हुए थे। 2013 में शादी हुई। कुंदन के छह और चार साल के दो बेटे हैं।
बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए और शहीद हो गए कुंदन
भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में कुंदन कुमार ओझा (26) शहीद हो गए। शहीद कुंदन साहेबगंज जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डिहारी गांव के रहने वाले थे। शहीद जवान के पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। शहीद कुंदन के दो भाई और एक बहन हैं। कुंदन की शादी 2014 में सुल्तानगंज में हुई थी। 18 दिन पहले ही उनकी बेटी ने जन्म लिया। हालांकि, कुंदन उसका चेहरा भी नहीं देख पाए।
27 फरवरी को घर से ड्यूटी ज्वॉइन करने गए थे गणेश, अब पार्थिव शरीर आएगा
झारखंड के बहरागोड़ा ब्लॉक के कोसाफलिया निवासी गणेश हांसदा (21) भी शहीद हो गए। प्रशासन को मंगलवार शाम तक साहेबगंज के शहीद जवान कुंदन ओझा के बारे में ही जानकारी मिल सकी थी। शहीद गणेश के परिजन के अनुसार, मंगलवार रात उन्हें लेह से फोन आया था और इसकी सूचना दी गई थी। शहीद गणेश के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि करीब दो सप्ताह पहले गणेश की घरवालों से बात हुई थी। उसने कहा था कि सब ठीक है।
हमीरपुर अंकुश ठाकुर शहीद, पिता और दादा भी फौज में थे
भारत-चीन झड़प में हमीरपुर जिले के 21 साल के अंकुश ठाकुर शहीद हो गए हैं। शहीद अंकुश उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता के रहने वाले थे। अंकुश की शहादत की खबर सेना मुख्यालय से ग्राम पंचायत कड़ोहता को फोन द्वारा दी गई। इसके बाद हमीरपुर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। पूरा जिला गमगीन हो गया।
शहीद जवान अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था। इनके पिता और दादा भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। शहीद अंकुश का छोटा भाई छठीं क्लास का स्टूडेंट है। 10 माह पहले ही अंकुश ने ट्रेनिंग पूरी कर सेना की नौकरी ज्वाइन की थी।