- आईसीसी समिति के सदस्य डॉ जॉन आर्चर्ड गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल को रोकने के लिए उपाय खोज रहे
- ‘कोरोना की वैक्सीन या दवा नहीं मिलती, तब तक विकेट लेने और जीतने के बाद खुशी जाहिर करने के लिए नए तरीके ढूंढने होंगे’
दैनिक भास्कर
May 07, 2020, 03:26 PM IST
कोरोनावायरस के बीच ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट मई के अंत में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। यह सब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल चीफ ऑफिसर डॉ जॉन आर्चर्ड की निगरानी में होगा, जो प्रैक्टिस के लिए गाइडलाइन तैयार करवा रहा है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। आर्चर्ड के साथ स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस भी शामिल हैं।
डॉ जॉन आर्चर्ड आईसीसी के समितियों के भी सदस्य हैं। जो खेलों को फिर से शुरू करने और जो गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने के इस्तेमाल को रोकने के लिए उपाय खोज रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई अखबार के एक रिपोर्ट के मुताबिक सीए की पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों के ट्रेनिंग के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना है।
प्रैक्टिस में बहुत कम खिलाड़ी होने से ज्यादा समस्या नहीं
क्रिकेट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के स्पोर्ट्स एंड साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसन के हेड काउंटोरिस का कहना है कि कोरोना ने ट्रैनिंग के तरीकों में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया है। अब क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नेट्स पर 2 या 3 बॉलर ही गेंदबाजी करते हैं। बल्लेबाज 22 गज की दूरी पर होता है, इसलिए इसको लेकर कोई समस्या नहीं है। वहीं, दूरी बनाए रखना और गेंद को कैसे संभालना है यह भी आसान है।
मैच में जश्न मनाने के दूसरे विकल्प तलाशने होंगे
काउंटोरिस ने कहा कि फिल्ड पर सेलिब्रेशन एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके लिए भी तरीके ढृंढने होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना के लिए वैक्सिन या दवा नहीं मिलती है तब तक विकेट लेने और जीतने के बाद खुशी जाहिर करने के लिए नए तरीके ढूंढने की जरूरत है।