- आवश्यक-गैर आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन से जुड़ी 14,444 एमएसएमई पर हुआ सर्वे
- टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ी एमएसएमई की आय सबसे ज्यादा प्रभावित
दैनिक भास्कर
Jun 16, 2020, 04:58 PM IST
नई दिल्ली. कोरोनावायरस महामारी के कारण आधी से ज्यादा माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की आय 20 से 50 फीसदी तक प्रभावित हुई है। इसमें भी छोटे आकार की एमएसएमई की आय ज्यादा प्रभावित हुई है। यह खुलासा नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी मैग्मा फिनकॉर्प और बिजनेस स्कूल एसपीजेआईएमआर के संयुक्त सर्वे में हुआ है।
आधी मई के बाद किया गया सर्वे
मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्वे 14,444 एमएसएमई पर आधी मई के बाद किया गया है। इस सर्वे का मुख्य फोकस एमएसएमई पर महामारी का आर्थिक प्रभाव और आय को लेकर उनके आउटलुक पर रहा है। सर्वे में शामिल आवश्यक और गैर आवश्यक वस्तुओं के उत्पादकों और सप्लायरों ने कहा कि उनकी आय पर करीब 50 फीसदी असर पड़ा है। हालांकि, गैर आवश्यक वस्तुओं के आधे से ज्यादा उत्पादकों ने नकारात्मक आउटलुक पेश किया है। आवश्यक वस्तुओं के 25 फीसदी उत्पादकों ने नकारात्मक आउटलुक पेश किया है।
सर्वे में शामिल कुल एमएसएमई में दो-तिहाई गैर आवश्यक वस्तुओं की उत्पादक
सर्वे में शामिल कुल एमएसएमई में से दो-तिहाई गैर आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाई हैं। यह इकाइयां दक्षिण और पश्चिम भारत में स्थापित हैं। भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से उत्तर और दक्षिण भारत में स्थित गैर आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाइयों ने ज्यादा नकारात्मक आउटलुक पेश किया है। सर्वे में शामिल अधिकांश उत्तरदाता अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर सकारात्मक हैं। 76 फीसदी उत्तरदाताओं ने अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर औसत या इससे ज्यादा रेटिंग दी है।
53 फीसदी ने लिया मोराटोरियम का लाभ
सर्वे में शामिल 53 फीसदी एमएसएमई ने कहा कि उन्होंने सरकार की ओर से दी गई मोराटोरियम सुविधा का लाभ लिया है। वहीं, 51 फीसदी का कहना है कि उन्हें उधार लेने की आवश्यकता नहीं है। हेल्थकेयर, टेलीकॉम, ऑयल एंड गैस, फार्मास्यूटिकल्स और एफएमसीजी इंडस्ट्री से जुड़ी एमएसएमई ने ज्यादा सकारात्मक आउटलुक पेश किया है। वहीं, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, जेम्स एंड ज्वैलरी, पावर एंड यूटिलिटीज, टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी इकाइयों ने नकारात्मक आउटलुक पेश किया है। इसमें टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की आय सबसे ज्यादा और फार्मा सेक्टर की सबसे कम आय प्रभावित हुई है।