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स्पेन में शुरुआत में संक्रमण दर 35% थी, टेस्ट और वेंटिलेटर बढ़ाकर यह दर 1% से कम कर दी

  • बार्सिलोना और मैड्रिड के अस्पतालों में आईसीयू बनाए गए, हालात संभलने से पहले ही रिटायरमेंट होम्स में 15 हजार यानी 56 फीसदी मौतें हुईं
  • सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चार चरणों में लॉकडाउन में छूट देने का फैसला किया है, इसे न्यू नॉर्मल नाम दिया 

कियारा कोलासांटी

May 13, 2020, 10:28 AM IST

स्पेन दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश है। यहां अब तक 2 लाख 68 हजार 143 मामले सामने आए हैं। 26 हजार 744 मौतें हुई हैं। सरकार का कहना है कि उसकी हालात पर नजर है। उसने संक्रमण रोकने की पूरी कोशिश की है।

स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इला ने कहा, “देश में 14 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला था। तब से रोज 35 फीसदी की दर से मरीज बढ़ रहे थे। ये घटकर अब 0.05% की दर से बढ़ रहे हैं। यह सब इसलिए संभव हो सका, क्योंकि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का उत्साह के साथ पालन किया।”

लोगों ने 2 महीने लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया

इला ने कहा कि दो महीने से जारी लॉकडाउन के दौरान लोग कम से कम घरों से निकले। स्वास्थ्यकर्मी अपने घर ही नहीं गए। लोगों ने हर दिन रात 8 बजे घरों की खिड़कियों के पास खड़े होकर स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह बढ़ाया। ये एक-दूसरे से दूर रहकर भी एक-दूसरे के साथ रहे।

देश भर में प्रति हजार लोगों पर 20 टेस्ट हुए

सबसे बड़ा कदम यह रहा कि देशभर में 9.50 लाख टेस्ट कराए गए। प्रति 1000 लोगों पर 20 टेस्ट किए गए। यह अन्य देशों की तुलना में ज्यादा हैं। शुरुआत में देश में वेंटिलेटर की कमी थी। वॉलंटियर्स की मदद से वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाया। मैड्रिड और बार्सिलोना जैसे बड़े शहरों में करीब सभी अस्पतालों में आईसीयू बनाए गए। हालांकि, हालात जब तक संभल पाते, तब तक यहां के रिटायरमेंट होम्स में करीब 15 हजार यानी 56 फीसदी मौतें कोरोना से हो गईं।

सोशल हेल्थ सेक्टर के विशेषज्ञ एंटोनियो कैब्रेरा ने कहा, “रिटायरमेंट होम्स में सफाई नहीं की जा रही है। यहां तक कि अस्पतालों में कर्मचारियों को ठीक से सुरक्षा साधन नहीं मिल रहे हैं। कई लोगों के पास इलाज के लिए दस्तावेज नहीं थे। वे इलाज से पहले ही मारे गए।”

स्पेन में 2008 जैसी मंदी की आशंका

इधर, यूरोपीय संघ स्पेन की मदद कर रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। स्पेन में कई लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। वे घर में रहकर पैसे नहीं कमा पा रहे हैं। यहां एक बार फिर 2008 जैसी मंदी आ सकती है। ऐसे में सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारी दिखाई है। प्रधानमंत्री पेंद्रो सान्चेज ने इस योजना को न्यू नार्मल नाम दिया है।

51 फीसदी लोगों को लॉकडाउन के पहले चरण का फायदा मिला 

इसमें 4 चरणों में लॉकडाउन में छूट दी जा रही है। पहला चरण शुरू हो चुका है। इसका फायदा 51 फीसदी लोगों को मिल रहा है। ज्यादातर इलाकों में कुछ दुकानें और रेस्तरां खुल चुके हैं। लोग बाहर इंडिविजुअल स्पोर्ट्स खेल रहे हैं। दौड़ रहे हैं या साइकिल चला रहे हैं, वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए।

मंगलवार को समूहों में लोगों को वक्त बिताने का मौका मिला

सरकार ऐसे दिन भी तय कर रही है, जब परिवार या दोस्त 10-10 लोगों के समूह में कुछ समय साथ बिता सकेंगे। ऐसा पहला दिन यहां मंगलवार को बीता। हालांकि अभी मैड्रिड और बार्सिलोना में लॉकडाउन में ज्यादा ढील नहीं दी गई है। उन्हें एक हफ्ते और इंतजार करना होगा। वैसे यहां पार्कों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जाने की छूट है। यहां संक्रमण की स्थिति देखने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।

वैक्सीन बनने तक एहतियात बरतना होगा

दूसरा चरण 18 मई से शुरू होगा। हालांकि, इसका प्लान अभी तैयार नहीं है। अन्य चरणों की तारीखें और प्लान भी सरकार बना रही है। लेकिन सभी का एक ही मूलमंत्र यानी सतर्कता होगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें तब तक कोरोना के बीच ऐहतियात से रहना होगा, जब तक कि इसका वैक्सीन नहीं बन जाता है। लॉकडाउन में ढील 4 चरण में दी जा रही, पहला चरण शुरू हो चुका है। 

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