- पाक मीडिया में दावा- सुबह से लापता भारतीय हाईकमीशन के दो अफसरों को पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था, हिट एंड रन का आरोप था
- दो हफ्ते पहले दिल्ली में पाकिस्तान हाईकमीशन के दो अफसर जासूसी के आरोप में रंगे हाथ पकड़े गए थे
दैनिक भास्कर
Jun 15, 2020, 08:39 PM IST
नई दिल्ली/इस्लामाबाद. इस्लामाबाद में सोमवार को गिरफ्तार किए गए दो अफसर वापस भारतीय हाईकमीशन में पहुंच गए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। ये अफसर सुबह से लापता था, शाम को इनके हिट एंड रन मामले में गिरफ्तारी की खबरें आई थीं।
भारत ने पाकिस्तान से कहा था- अफसरों से पूछताछ ना की जाए
गिरफ्तारी की खबरें आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के हाई कमीशन को समन भेजा था। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि गिरफ्तार किए गए अफसरों को परेशान ना किया जाए और ना उनसे किसी तरह की पूछताछ की जाए। अफसरों को तुरंत उनकी कार समेत भारतीय दूतावास भेजा जाए। इन अफसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।
सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के दो अफसरों के लापता होने की खबर आई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से इन दोनों अफसरों का फौरन पता लगाने को कहा था।
आईएसआई एजेंट ने भारतीय राजनयिक का पीछा किया था
कुछ दिन पहले आईएसआई एजेंट्स ने भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया की कार का पीछा किया था। इसका वीडियो भी सामने आया था। अहलूवालिया के घर के सामने भी आईएसआई के कुछ एजेंट तैनात किए गए थे। भारत ने इसके खिलाफ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से विरोध भी दर्ज कराया था।
भारत विदेश मंत्रालय ने इस बारे में पाकिस्तान को डिप्लोमैटिक नोट भी दिया था। इसमें कहा गया था कि मार्च से अब तक भारतीय राजनयिकों को परेशान या पीछा करने की 13 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। भारत ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान में यह सिलसिला फौरन रुकना चाहिए।
पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार हुए थे
दिल्ली पुलिस ने 1 जून को पाकिस्तानी दूतावास के दो अफसरों को जासूसी करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। ये लोग एक व्यक्ति को पैसों का लालच देकर सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज ले रहे थे। दोनों जासूस दूतावास में वीजा असिस्टेंट के तौर पर काम करते थे। पकड़े जाने पर उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक साबित करने की कोशिश की थी। उनके पास फर्जी आधार कार्ड, भारतीय मुद्रा और आईफोन मिले थे। भारत ने इन दोनों अफसरों को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा था। इन्होंने इस दौरान भारत छोड़ भी दिया था।