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5.5 तीव्रता का भूकंप; कच्छ समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 10 सेकंड तक झटके महसूस होते रहे; शुक्र है अब तक किसी नुकसान की खबर नहीं

  • भूकंप रविवार रात 8 बजकर 13 मिनट पर आया, एपिसेंटर कच्छ में था
  • कच्छ के ही भुज में 2001 में आए भूकंप की तीव्रता 7.7 थी

दैनिक भास्कर

Jun 14, 2020, 10:48 PM IST

अहमदाबाद. गुजरात में रविवार रात 8 बजकर 13 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी। गुजरात सरकार ने इसकी तीव्रता 5.3 बताई है। इसका एपिसेंटर कच्छ के वोंध गांव में था। राहत की बात है कि राज्य में अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

सबसे ज्यादा असर भी कच्छ में ही देखा गया। 19 साल पहले यानी 26 जनवरी 2001 को भी कच्छ के भुज में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

कच्छ में 10 सेकंड धरती हिली
गुजरात के कच्छ में 10 सेकंड तक झटके महसूस किए गए। राजकोट तीन आफ्टर शॉक महसूस किए गए। सौराष्ट्र में 4.8 तीव्रता के साथ करीब 7 सेकंड तक झटके आए। अहमदाबाद में 3.4 तीव्रता के झटके करीब 5 सेकंड तक महसूस किए गए।

फोटो गुजरात के अहमदाबाद की है। रविवार रात जब यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए तो लोग सड़कों पर निकल आए।

जामनगर, सुरेंद्रनगर और जूनागढ़ में भी झटके महसूस किए गए। कई शहरों में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कच्छ, मोरबी, राजकोट में कई घरों में दरारे आई हैं। भूकंप आने के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राजकोट, कच्छ और पाटन जिले के कलेक्टरों से फोन पर हालात की जानकारी ली।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने यह मैप जारी किया है। भूकंप का एपिसेंटर कच्छ में था। 2001 में भी यहीं भूकंप आया था।

गुजरात के साथ-साथ जम्मू, तुर्की और पुर्तो रिको में भी भूकंप

  • गुजरात में भूकंप आने के बाद रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे जम्मू-कश्मीर के कटरा और आसपास के शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का एपिसेंटर कटरा से 90 किलोमीटर दूर था और तीव्रता 3 थी।
  • वहीं, राजकोट में भूकंप आने से करीब 19 मिनट पहले तुर्की में 5.9 और पुर्तो रिको में 2.5 तीव्रता का भूकंप आया।
भूकंप की वजह से राजकोट में कई घरों में बर्तन गिर पड़े।

6 जून को उत्तर गुजरात में भूकंप आया था
इससे पहले 6 जून को बनासकांठा जिले समेत उत्तर गुजरात के कई इलाकों में 10 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.8 थी।

गुजरात में 19 साल पहले भूकंप ने तबाही मचाई थी 
गुजरात में 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। भुज और कच्छ में इस दौरान भारी तबाही हुई थी। 10 हजार लोग इस भूकंप के कारण मारे गए थे। 2 हजार शव तो 26 जनवरी को ही निकाले गए थे। इनमें भुज के एक स्कूल के 400 बच्चे भी शामिल थे। अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा था। इसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई थी।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा प्रेशर बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। अर्थक्वेक ट्रैक एजेंसी के मुताबिक हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। 

कितनी तबाही लाता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 हल्के झटके आते हैं।
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है। मकानों में दरारें आ सकती हैं।
6 से 6.9 कच्चे घर गिर सकते हैं। इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 इमारतें-मकान गिर जाते हैं। काफी नुकसान होता है। जैसा भुज में 2011 में और नेपाल में 2015 में हुआ था।
8 से 8.9 इमारतों समेत बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।
9 और उससे ज्यादा सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो बड़ी सुनामी। जैसी जापान में 2011 में 9.1 भूकंप के बाद आई थी।

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