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अष्टवसु और बारह आदित्य सहित 33 कोटि देवताओं को ही माना जाता है 33 करोड़ देवी-देवता

  • किसी भी काम की शुरुआत में इन देवताओं की पूजा करने की है परंपरा

दैनिक भास्कर

May 26, 2020, 08:04 AM IST

 पुरानी मान्यता है कि हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। इस संबंध में उज्जैन के भागवत कथाकार और ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शास्त्रों में 33 करोड़ नहीं, बल्कि 33 कोटि देवता बताए गए हैं। कोटि शब्द का अर्थ है प्रकार, यानी हिन्दू धर्म में 33 प्रकार के देवता हैं। कोटि शब्द को ही बोलचाल की भाषा में करोड़ में बदल दिया गया है। कोटि शब्द के दो अर्थ हैं, एक प्रकार और दूसरा करोड़। इसी वजह से 33 करोड़ देवी-देवताओं की मान्यता प्रचलित हो गई है। किसी काम की शुरुआत में विधिवत पूजा करते समय इन देवताओं की पूजा करने की परंपरा है।

जानिए 33 कोटि देवताओं के नाम

33 कोटि देवी-देवताओं में आठ वसु, ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल हैं। कुछ शास्त्रों में इंद्र और प्रजापति के स्थान पर दो अश्विनी कुमारों को 33 कोटि देवताओं में शामिल किया गया है।

ये हैं अष्टवसुओं के नाम- 1. आप 2. ध्रुव 3. सोम 4. धर 5. अनिल 6. अनल 7. प्रत्यूष 8. प्रभाष

ये हैं ग्यारह रुद्रों के नाम- 1. मनु 2. मन्यु 3. शिव 4. महत 5. ऋतुध्वज 6. महिनस 7. उम्रतेरस 8. काल 9. वामदेव 10. भव 11. धृत-ध्वज

ये हैं बारह आदित्य के नाम- 1. अंशुमान 2. अर्यमन 3. इंद्र 4. त्वष्टा 5. धातु 6. पर्जन्य 7. पूषा 8. भग 9. मित्र 10. वरुण 11. वैवस्वत 12. विष्णु

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