- कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा में संक्रमण से लड़ने को प्रतिरोधी क्षमता बन गई है
दैनिक भास्कर
Jun 10, 2020, 04:00 AM IST
फरीदाबाद. कोरोना को मात देने वाले लोगों का रक्त अब संक्रमितों के लिए इलाज का जरिया बन रहा है। करीब 20 दिन पहले कोरोना को मात देकर अपने परिवार बीच लौटे सेक्टर-28 निवासी एक व्यक्ति ने अपने प्लाज्मा के जरिए कोरोना संक्रमित को ठीक करने में योगदान दिया है। उनके प्लाज्मा में वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरोधी क्षमता बन गई है। सोमवार रात कोरोना पॉजिटिव मरीज को प्लाज्मा की पहली डोज दी गई।
दूसरी डोज मंगलवार को दी गई। अब डॉक्टर मरीज की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। बेहतर परिणाम आने पर अन्य मरीजों का भी प्लाज्मा थैरेपी से इलाज शुरू किया जाएगा। एनआईटी तीन नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल है। जहां आईसीएमआर की मंजूरी मिलने के बाद प्लाज्मा थैरेपी से इलाज शुरू हुआ है। पीड़ित मरीज को प्लाज्मा डोनेट सेक्टर-28 निवासी संजीव ने किया। वह कोरोना संक्रमित थे।
- आईसीएमआर की मंजूरी मिलने के बाद अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज शुरू कर दिया गया है। प्लाज्मा थैरेपी से इलाज केवल उसी मरीज का किया जाता है जो गंभीर हालत में है और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्लाज्मा डोनेशन के प्रति लोगों में जागरुकता का भी अभाव है। इसलिए लोगों को आगे आने की जरूरत है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों का सहयोग कोरोना को हराने में हमारी मदद करेगा। – डॉ. असीम दास, डीन, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल