- गुजरात के बाद राजस्थान में भी सियासी सरगर्मी कर्नाटक में पूर्व पीएम ने नामांकन-पत्र दाखिल किया
दैनिक भास्कर
Jun 10, 2020, 07:45 AM IST
नई दिल्ली / जयपुर. गुजरात में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अब राजस्थान में भी राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। एक तरफ गुजरात के 22 विधायकों की राजस्थान में बाड़ाबंदी हो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कांग्रेस व इसके समर्थित निर्दलीय 10 से 12 विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत से शिकायत की है कि दिल्ली से भाजपा के बड़े नेता उन्हें फोन कर रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के लिए उन्हें सभी तरह के लालच दिए जा रहे हैं। हाल में एक वरिष्ठ भाजपा नेता का इसे लेकर एक ऑडियो भी वायरल हुआ।
हालांकि, अब तक राजस्थान में किसी कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक ने खुलकर भाजपा में जाने के संकेत नहीं दिए हैं। राजस्थान का सियासी गणित देखें तो कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है। भाजपा इसे ही साधने में जुटी है। हालांकि, मप्र में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायकों का भविष्य जिस तरह अधर में है, उसे देखते हुए राजस्थान में कांग्रेस का असंतुष्ट खेमा भी सीधे तौर पर सियासी जोखिम लेने की स्थिति में नहीं है।
लेकिन राजस्थान में एमपी और गुजरात जैसी टूट मुश्किल
1. कांग्रेस और भाजपा में सीटों का अंतर बड़ा: कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं। 13 निर्दलीय विधायक भी उसी के समर्थन में हैं। आरएलडी सरकार में पहले ही शामिल है। इसके अलावा बीटीपी, लेफ्ट का झुकाव भी सरकार की तरफ ही है। वहीं, भाजपा गठबंधन के पास कुल 75 विधायक ही हैं।
2. एमपी: जो टूटे वे भी खाली हाथ: मप्र में ज्योतिरादित्य व उनके समर्थक 22 विधायकों को उपचुनावों में टिकट बंटवारे को लेकर अंतर्विरोध चरम पर है। जिन सीटों पर ये विधायक उपचुनाव लड़ना चाहते हैं वहां से भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। नतीजतन कैबिनेट री-शफल अटका हुआ है।
3. राजनीतिक नियुक्तियों पर: कांग्रेस और उनके समर्थित विधायकों की नजर प्रदेश में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों पर भी है। जिन्हें सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिली, उन्हें उम्मीद है कि उसमें तरजीह मिलेगी या अगले कैबिनेट विस्तार में जगह मिलेगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा- उम्मीदवाराें काे लेकर पार्टी में असंताेष नहीं
कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटाें के चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार काे भाजपा के दाे उम्मीदवाराें- एरन्ना कदाड़ी, अशाेक गश्ती और जेडीएस के प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगाैड़ा ने अपने-अपने नामांकन-पत्र दाखिल किए। कांग्रेस के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही नामांकन-पत्र दाखिल कर चुके हैं। भाजपा में उम्मीदवाराें काे लेकर मतभेद हाेने की खबरें सामने आई हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पार्टी में किसी तरह के असंताेष काे खारिज किया है। येदियुरप्पा ने कहा कि उम्मीदवाराें काे लेकर पार्टी आलाकमान ने उनसे बात की थी। येदियुरप्पा ने कहा, “भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने पार्टी के दो साधारण कार्यकर्ताओं को राज्यसभा का टिकट दिया है और इस तरह पार्टी कार्यकर्ताओं को एक तोहफा दिया है।