मध्य प्रदेश में सांगर के बड़तूमा में बनने वाले संत रविदास महाराज के मंदिर का माडल।
सागर नगर के बड़तूमा में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास महाराज के मंदिर का भूमिपूजन करेंगे। मंदिर के साथ कला संग्रहालय भी बनाया जाएगा। मंदिर व कला संग्रहालय की लागत 101 करोड़ रुपये है। यह 11.21 एकड़ भूमि में आकार लेगा। जानकारी के मुताबिक इस परिसर के मध्य में 5500 वर्गफीट में मुख्य मंदिर आकार लेगा। मंदिर नागर शैली से बनाया जाएगा। मंदिर में गर्भगृह, अंतराल मंडप तथा अर्धमंड का सुंदर निर्माण होगा। मंदिर केवल पूजा का स्थान न बनकर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक संवाद का केन्द्र बनेगा। आगंतुक भारतीय संस्कार व संस्कृति के विषय में विस्तार से जान पाएंगे। आध्यात्मिक विश्वासों पर चिंतन एवं मनन के लिए यह केन्द्र मुख्य आकर्षण बनेगा।संत रविदास संग्रहालय (म्यूजियम) के प्रवेश द्वार के सामने बड़ा सा जलकुंड आकार लेने वाला है। सुंदर नक्काशी और मूर्तियों के साथ इस जलकुंड के आसपास पेड़-पौधों से युक्त रमणियता प्रदान की जाएगी। जल से पवित्रता का अनुभव होता है। इसलिए कुंड के पास विहार करने योग्य विशाल गलियारा बनेगा।
मंदिर के आसपास वर्तुलाकार की भूमि पर चार गैलेरी बनेगी। इसमें, संत रविदासजी के जीवन को विस्तृत रूप एवं आधुनिक संसाधनों की सहायता से प्रस्तुत किया जाएगा। संत रविदास की वाणी, उनके कार्य, सामाजिक योगदान, भक्ति आंदोलन में संत रविदास की भूमिका आदि विषयों को कलात्मक रूप से आधुनिक तकनीकों के साथ दर्शाया जाएगा।
दस हजार वर्ग फीट में बनेगा पुस्तकालय
दस हजार वर्गफीट में पुस्तकालय और संगत सभाखंड आकार लेगा। यहां संत रविदास जी की उपलब्धियों और शिक्षाओं को संग्रहित किया जाएगा। संत रविदासजी के कृतित्व के साथ यहां आध्यात्मिक, धार्मिक पुस्तकें भी रखी जाएगीं। यह पुस्तकालय साहित्य संसाधनों के संग्रहण के रूप में सामने आएगा। पुस्तकालय में संत रविदास के साथ अन्य महान गुरुओं एवं दार्शनिकों के विचार एवं ओजस्वी, वाणी, प्रवचनों एवं संभाषणों को संग्रहित कर रखा जाएगा। आगंतुक और संत रविदास के अनुयायी इस स्थान पर बैठकर साहित्य का अध्ययन कर सके, ऐसी व्यवस्था उपलब्ध होगी।