सीहोर. मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बुधवार शाम हुए खूनी संघर्ष की वजह लड़कियों की बचपन की सगाई टूटना थी. दो गुटों के बीच ये खूनी संघर्ष आष्टा तहसील के अंतर्गत पीपल की सामरी गांव में हुआ. बंजारों के बीच जमकर फरसे और तलवारें चलीं. इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए. मृतकों के परिवार वालों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की.जानकारी के मुताबिक, खूनी संघर्ष बुधवार शाम उस वक्त शुरू हुआ जब गांव में रहने वाले लक्ष्मण सिंह बंजारा के परिवार पर हमला करने करीब दो दर्जन लोग बंदूक, धारिया, तलवार और फरसा लेकर पहुंचे. ये लोग इस परिवार को दो लड़कियों को जबरदस्ती लेने आए थे. उन्होंने जब हमला किया तो लखन, मुकेश और श्याम लाल बीच बचाव करने आए. इस दौरान तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. मुकेश और श्याम की अस्पताल लाते वक्त ही मौत हो गई. जबकि, लखन ने गुरुवार को दम तोड़ दिया.
इस संघर्ष के बाद पुलिस की पूछताछ में लक्ष्मण बंजारा ने बताया कि करीब 10 साल पहले उनकी बेटी की सगाई सामरी बोंदा ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि किशनलाल के लड़के से हुई थी. उस समय किशनलाल ने आधा किलो चांदी का चढ़ावा दिया था. इस पर दोनों परिवारों के बीच सहमति नहीं बनी. इस संबंध को खत्म करने के लिए ये मामला समाज की पंचायत के सामने लाया गया. पंचायत ने फैसला किया कि अगर हम आधा किलो की चांदी के बदले दोगुनी चांदी देंगे तो संबंध खत्म हो जाएगा. हमने एक किलो चांदी होने वाले संबंधियों को वापस कर संबंध खत्म कर लिया.
भीड़ ने कर दिया हमला
लक्ष्मण ने बताया कि मेरे रिश्तेदार लखन की बेटी का रिश्ता भी किशनलाल के भतीजे से तय हुआ था. उसे भी पंचायत के फैसले के अनुसार दोगुनी रकम देकर खत्म कर दिया गया. हमारे परिवार ने रजामंदी से दोनों लड़कियों का रिश्ता दूसरी जगह तय कर दिया. इस पर किशनलाल के परिवार ने रंजिश पाली और हमारी दोनों लड़कियों को उठाकर ले जाने की धमकी देने लगे. इसी मसले को लेकर बुधवार शाम किशनलाल ने लोगों की भीड़ लेकर हमारे घर हमला कर दिया. हमले से पहले लोगों ने तीन हवाई फायर भी किए.