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कोविड-19: 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण शुरू – जानिए पूरी प्रक्रिया

वैक्सीनेशन

कई महीनों तक चली चर्चा के बाद आख़िरकार आज 3 जनवरी 2022 से भारत में 15 से 18 साल की आयु के किशोरों को कोविड-19 का टीका लगना शुरू हो गया है.

ये बात इसलिए भी ख़ास मायने रखती है क्योंकि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है और दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले पाया गया ओमिक्रॉन वैरिएंट भारत में तेज़ी से फैल रहा है.

इस नए वैरिएंट से निपटने के लिए भारत सरकार ने टीकाकरण अभियान को और सुदृढ़ बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए हैं.

15 से 18 वर्ष की आयु के लोगों के टीकाकरण की शुरूआत के एक सप्ताह बाद, 10 जनवरी, 2022 से स्वास्थ्य कर्मी, फ़्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु के लोगों को तीसरी डोज़ लगने की शुरुआत होगी.

भारत में अब तक वैक्सीन की 146 करोड़ से अधिक डोज़ लगाई जा चुकी है. इसमें से 80 करोड़ से ज़्यादा पहली डोज़ है और 60 करोड़ से ज़्यादा दूसरी डोज़.अनुमान के अनुसार टीकाकरण के इस चरण में 8 से 9 करोड़ बच्चों को वैक्सीन की दो डोज़ लगाई जाएगी.

कैसे होगा बच्चों का टीकाकरण?

15 से 18 साल तक के आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केवल भारत बायोटेक की “कोवैक्सीन” टीके की डोज़ लगाई जाएगी.

टीकाकरण बुक करने के लिए 15 साल और उससे अधिक आयु के लोगों को Co-WIN की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा.

जिन लोगों का जन्म 2007 या उससे पहले हुआ है वो इस टीकाकरण के लिए रजिस्टर कर सकेंगे.

टीकाकरण के इच्छुक लोग या तो Co-WIN की वेबसाइट पर एक नया रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या पहले से ही बने हुए अकाउंट का इस्तेमाल करके इस टीकाकरण के लिए रजिस्टर कर सकते हैं.

इसका मतलब ये है कि जिन 18 साल की आयु से ज़्यादा के लोगों के पहले से Co-WIN अकाउंट हैं वो उन्हीं पर अपने परिवार के 15 से 18 साल के लोगों का पंजीकरण कर सकते हैं.

15 से 18 साल की आयु वाले लोग सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी पंजीकरण करवा सकेंगे. टीका लगवाने का दिन और समय या तो Co-WIN वेबसाइट पर बुक किया जा सकेगा या फिर सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर.

डॉक्टर सुनीला गर्ग इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फ़ोर्स की सदस्य भी हैं.

डॉक्टर गर्ग का कहना है कि बच्चों का टीकाकरण करने का फ़ैसला एक महत्वपूर्ण क़दम है क्योंकि 15, 16 और 17 साल के बच्चे वयस्क होने के बहुत क़रीब होते हैं.

डॉक्टर सुनीला गर्ग कहती हैं, “यही वजह है कि इस आयु वर्ग को भी उतनी ही मात्रा में टीके की डोज़ दी जाएगी जो 18 साल से अधिक आयु के लोगों को दी जा रही है. 15 से 18 साल के बच्चों को भी दो डोज़ दी जाएगी और छह हफ़्ते के अंतराल पर दी जाएगी क्योंकि अभी उन्हें कोवैक्सीन लगाई जाएगी.”

कोवैक्सीन ही क्यों?

कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक ने कहा है कि दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में कोवैक्सीन को बच्चों के लिए सुरक्षित और असरदार पाया गया है.

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल 525 बच्चों पर जून 2021 और सितम्बर 2021 के बीच किया गया. ये ट्रायल 2 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों पर किया गया.

इस ट्रायल को तीन आयु वर्गों में बांटा गया. पहला वर्ग 12 से 18 साल, दूसरा वर्ग 6 से 12 साल और तीसरा वर्ग 2 से 6 साल के बच्चों का था.

इस ट्रायल से मिली जानकारियों को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइज़ेशन को अक्टूबर 2021 में सौंप दिया गया. हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के आयु वर्ग के लिए इस्तेमाल करने के लिए आपातकालीन मंज़ूरी दे दी.

भारत बायोटेक के अनुसार इस ट्रायल में इंजेक्शन लगने से होने वाले दर्द के अलावा कोई भी प्रतिकूल घटना नहीं देखी गई. कंपनी के अनुसार 374 बच्चों ने हल्के या मध्यम गंभीरता के लक्षणों की सूचना दी जिसमें से 78.6 प्रतिशत मामले एक दिन के भीतर हल हो गए.

भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन को विशिष्ट रूप से तैयार किया गया है ताकि वयस्कों और बच्चों को समान खुराक़ दी जा सके.

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