April 27, 2024 : 10:35 AM
Breaking News
MP UP ,CG Other अन्तर्राष्ट्रीय क्राइम खबरें महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय

परमबीर सिंहः मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर कहाँ हैं, ये पुलिस को भी पता नहीं

एक अक्तूबर को महाराष्ट्र के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह लापता हैं. भारत की आर्थिक राजधानी के मुखिया के लापता होने की ये घोषणा चौंकाने वाली थी.

दो साल पहले ही परमबीर सिंह को 45 हज़ार पुलिसकर्मियों की संख्या वाली मुंबई पुलिस का प्रमुख बनाया गया था.

अब परमबीर सिंह ना तो मुंबई में अपने अपार्टमेंट में और ना ही अपने पैतृक शहर चंडीगढ़ के पते पर मौजूद हैं.

मुंबई पुलिस अपने ही पूर्व प्रमुख को तलाश रही थी लेकिन मुंबई में उनके साथ रहने वालीं उनकी पत्नी और बेटी तथा विदेश में रहने वाले उनके बेटे और वकीलों ने उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

ये मामला इसी साल फ़रवरी में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एक कार के मिलने से शुरू हुआ था.सवाल खड़ा हुआ था कि इसके पीछे कौन है.

अगले कुछ दिन में कार के कथित मालिक का शव शहर के पास ही समंदर में मिला. बाद में पुलिस जांच में पता चला कि उनकी हत्या करके शव फेंका गया था.

बाद में जब मृतक के एक परिचित पुलिसवाले को गिरफ़्तार किया गया तो चीज़ें और भी गंभीर और जटिल हो गईं.

जाँचकर्ता ये मानते हैं कि गिरफ़्तार किए गए मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर सचिन वाझे का अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटकों से लदी कार और हत्या से संबंध था.

मार्च में परमबीर सिंह को पद से हटाकर होमगार्ड का प्रमुख बनाकर भेज दिया गया. भारतीय मीडिया की भाषा में कहा जाए तो परमबीर को दंडित करके एक कम रुतबे वाले पद पर भेज दिया गया था.

राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एक बयान में कहा था कि ये रूटीन तबादला नहीं है. उन्होंने कहा था कि, “मुंबई पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में तैनात अधिकारियों ने कई गंभीर ग़लतियां की हैं.”

सवाल खड़ा हुआ था कि इसके पीछे कौन है.

अगले कुछ दिन में कार के कथित मालिक का शव शहर के पास ही समंदर में मिला. बाद में पुलिस जांच में पता चला कि उनकी हत्या करके शव फेंका गया था.

बाद में जब मृतक के एक परिचित पुलिसवाले को गिरफ़्तार किया गया तो चीज़ें और भी गंभीर और जटिल हो गईं.

जाँचकर्ता ये मानते हैं कि गिरफ़्तार किए गए मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर सचिन वाझे का अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटकों से लदी कार और हत्या से संबंध था.

मार्च में परमबीर सिंह को पद से हटाकर होमगार्ड का प्रमुख बनाकर भेज दिया गया. भारतीय मीडिया की भाषा में कहा जाए तो परमबीर को दंडित करके एक कम रुतबे वाले पद पर भेज दिया गया था.

राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एक बयान में कहा था कि ये रूटीन तबादला नहीं है. उन्होंने कहा था कि, “मुंबई पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में तैनात अधिकारियों ने कई गंभीर ग़लतियां की हैं.”

परमबीर सिंह ने मध्य मार्च में अपने पुराने दफ़्तर से कुछ किलोमीटर दूर ही स्थित अपने नए दफ़्तर में कार्यभार संभाल लिया.

इसके तुरंत बाद ही परमबीर सिंह ने सरकार के नाम एक पत्र लिखकर अपने बॉस अनिल देशमुख पर वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगए. इसके लिए उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख सचिव वाझे की मदद से मुंबई शहर के बार संचालकों और होटल कारोबारियों से सख़्त नियमों में ढील के बदले करोड़ों रूपए वसूल रहे थे.

देशमुख ने सभी आरोपों का खंडन किया लेकिन अगले ही महीने यानी अप्रैल में उनसे इस्तीफ़ा ले लिया गया. केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जांच शुरू की और उन्हें पांच बार पूछताछ के लिए तलब किया.

नवंबर में अनिल देशमुख को गिरफ़्तार कर लिया गया. वो अभी जेल में हैं. परमबीर सिंह पर आरोप लगाए हुए देशमुख ने कहा, “मुझ पर आरोप लगाने वाला देश से भाग गया है.”

इसी बीच मई में परमबीर सिंह ने मेडिकल छुट्टियां लीं और दो बार इन्हें बढ़वाया.

और इसके बाद वो ग़ायब हो गए.

महाराष्ट्र सरकार ने एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में परमबीर के मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है. परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ अब रियल एस्टेट कारोबारियों, होटल मालिकों और बुकी की तरफ़ से चार आपराधिक मामले दर्ज करवाए गए हैं जिनकी जांच चल रही है.

उनके वकील ने अदालत को बताया है कि परमबीर सिंह पैनल के संपर्क में हैं जिससे संकेत मिलता है कि वो क़ानून से नहीं भाग रहे हैं.

अंबानी का घर
इमेज कैप्शन,फ़रवरी में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के घर के पास एक विस्फोटकों से लदी कार मिली थी.

अभी भी इस मामले के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है. क्या इसका विस्फोटकों से भरी कार के मामले से कोई संबंध हैं? ऐसी क्या वजह थी कि अनिल देशमुख को परमबीर सिंह को पद से हटाना पड़ा? मंत्री के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाने के बाद परमबीर सिंह लापता क्यों हो गए? परमबीर सिंह मामले की जांच कर रहे पैनल के सामने प्रस्तुत क्यों नहीं हो रहे हैं?

इन सवालों का अभी कोई जवाब नहीं है.

समाज शास्त्र में मास्टर्स डिग्री लेने वाले परमबीर सिंह के पिता एक अधिकारी थे और मां गृहिणी थीं. अपने कार्यकाल के अंतिम वर्षों तक वो तंदुरुस्त रहे और उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक था.

अपने चार दशक के पुलिस करियर में उन्होंने माओवाद प्रभावित ज़िलों में माओवादियों और शहरी क्षेत्रों में गैंगस्टरों से मुक़ाबला किया. 1990 के दशक में उन्होंने अंडरवर्ल्ड का ख़ात्मा करने वाली मुंबई पुलिस की टीम के साथ काम किया.

उस दौर में भारत का सबसे अमीर शहर मुंबई अपराध और माफ़िया से बुरी तरह प्रभावित था.

Related posts

Ujjain News : मां को झूठे केस में फंसाकर नाबालिग से दुष्कर्म, नाबालिग ने डेढ़ वर्ष पूर्व दिया बच्चे को जन्म, मां के जेल से बाहर आने पर पुलिस से शिकायत

News Blast

महाराष्ट्र: सपा अध्यक्ष अबु आजमी को एआईएमआईएम में शामिल होने का न्योता

News Blast

दो कारों में चुनाव सामग्री भरकर ले जा रहे थे, पुलिस ने डिक्की खुलवाई तो 2 हजार से ज्यादा पोस्टर और पार्टी के झंडे मिले, भाजपा ने की आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत

News Blast

टिप्पणी दें