May 2, 2024 : 6:44 AM
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ऑकस समझौतेपर बोला भारत

मोदी सरकार ने मंगलवार को कहा कि इन बैठकों का हाल ही में घोषित ऑस्ट्रेलिया-यूके-यूएस यानी ऑकस रक्षा समझौते से कोई संबंध नहीं है.

जिस ऑकस रक्षा समझौते से चीन और फ़्रांस बेहद नाराज़ हैं, उस पर मोदी सरकार की ओर से पहली बार कोई टिप्पणी आई है. भारत की इस टिप्पणी से समझा जा रहा है कि उसने इस नई साझेदारी से ख़ुद को दूर रखा है.

भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि क्वॉड शिखर सम्मेलन में महामारी, नई तकनीक, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढाँचा, समुद्री सुरक्षा, शिक्षा, मानवीय मदद, आपदा राहत पर बात होगी जबकि ऑकस एक रक्षा साझेदारी है.

. अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ श्रृंगला ने कहा, ”हम ऑकस में कोई पक्ष नहीं हैं. हमारे दृष्टिकोण में न तो ये क्वॉड के लिए प्रासंगिक है और न ही इसका हम पर कोई असर पड़ेगा.’

मोदी सरकार ने मंगलवार को कहा कि इन बैठकों का हाल ही में घोषित ऑस्ट्रेलिया-यूके-यूएस यानी ऑकस रक्षा समझौते से कोई संबंध नहीं है.

जिस ऑकस रक्षा समझौते से चीन और फ़्रांस बेहद नाराज़ हैं, उस पर मोदी सरकार की ओर से पहली बार कोई टिप्पणी आई है. भारत की इस टिप्पणी से समझा जा रहा है कि उसने इस नई साझेदारी से ख़ुद को दूर रखा है.

भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि क्वॉड शिखर सम्मेलन में महामारी, नई तकनीक, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढाँचा, समुद्री सुरक्षा, शिक्षा, मानवीय मदद, आपदा राहत पर बात होगी जबकि ऑकस एक रक्षा साझेदारी है.. अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ श्रृंगला ने कहा, ”हम ऑकस में कोई पक्ष नहीं हैं. हमारे दृष्टिकोण में न तो ये क्वॉड के लिए प्रासंगिक है और न ही इसका हम पर कोई असर पड़ेगा.’

अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति बाइडन से द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, निवेश, रक्षा साझेदारी और जलवायु परिवर्तन पर बात करेंगे. श्रृंगला ने कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच रक्षा समझौतों को लागू करने पर भी बात होगी.

अख़बार के अनुसार श्रृंगला ने कहा कि क्वॉड पर ऑकस का कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दोनों को जोड़ना उचित नहीं है. श्रृंगला ने कहा कि ऑकस रक्षा समझौते का मतलब ये नहीं है कि क्वॉड केवल हल्के विषयों पर काम करेगा.

श्रृंगला ने कहा, ”ऑकस और क्वॉड के बीच कोई संबंध नहीं है. ऑकस रक्षा गठजोड़ है और क्वॉड अलग समूह है जो अलग दृष्टिकोण से काम कर रहा है. क्वॉड इंडो-पैसिफिक में स्वतंत्र आवाजाही, पारदर्शिता और समावेशी बनाने के लक्ष्यों को लेकर काम कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा है कि ऑकस साझेदारी केवल न्यूक्लियर पावर टेक्नॉलजी को लेकर है.”

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