एफआईआर में बाघंबरी मठ के व्यवस्थापक अमर गिरि ने आनंद गिरि पर आरोप लगाया गया है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले कुछ समय से आनंद गिरी की वजह से तनाव में चल रहे थे जिसके चलते उन्होंने अपनी जान दे दी.
पुलिस ने इस मामले में आनंद गिरी समेत कई अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि के पास से एक कथित सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें आनंद गिरी का ज़िक्र है.
निरंजन अखाड़े के संत एवं बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच विवादों का सिलसिला एक लंबे समय से चलता आ रहा है.
बता दें कि हिंदू धर्म में इस समय कुल 13 अखाड़े हैं. इनमें से आवाहन अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, दशनामी, निरंजनी और जूना अखाड़ा आदि प्रमुख अखाड़ों में गिने जाते हैं. अखाड़े अपनी-अपनी परंपराओं में शिष्यों को दीक्षित करते हैं और उन्हें उपाधि देते हैं. नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि निरंजनी अखाड़े से जुड़े थे. और पिछले कई सालों से बाघंबरी मठ की ज़िम्मेदारियां संभाल रहे थे.
कौन हैं आनंद गिरि
लंबी कद काठी, लंबे बाल और फ्रेंच कट दाढ़ी रखने वाले योग गुरू आनंद गिरि का जन्म साल 21 अगस्त 1980 को राजस्थान में हुआ था.
इसके बाद वह लगभग दस वर्ष की आयु में नरेंद्र गिरि के संपर्क में आए जो कि उन्हें हरिद्वार लेकर आए.
आनंद गिरि अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उन्होंने मात्र दस साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. और इसके बाद वह कई सालों तक उत्तराखंड में रहे और फिर प्रयागराज पहुंचे.अपने पासपोर्ट में माँ के नाम की जगह हिंदू देवी पार्वती और पिता के स्थान पर गुरु का नाम लिखवाने वाले आनंद गिरि दावा करते हैं कि वह ब्रिटेन और कनाडा समेत दुनिया की कई संसदों में भाषण दे चुके हैं.
प्रयागराज से आनंद गिरी का संबंध
आनंद गिरि को क़रीब से जानने वाले कहते हैं कि प्रयागराज क्षेत्र में उन्हें एक रॉकस्टार साधु का दर्जा हासिल है. लोग उन्हें छोटे महाराज कहकर भी बुलाते हैं.
हैंडल छोड़कर बुलेट चलाने जैसे स्टंट कर चुके आनंद गिरि युवाओं के बीच ख़ासे लोकप्रिय हैं.
इसके साथ ही उनकी पहचान एक यूथ आइकन, स्टाइल आइकन और डायनेमिक गुरू की रही है.