May 15, 2024 : 2:34 PM
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चरणजीत सिंह चन्नी तो बने पंजाब के सीएम

चरणजीत सिंह चन्नी को सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री की शपथ लिए कुछ ही मिनट हुए थे कि बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती मीडिया से चर्चा से लिए आईं.

मायावती ने अपनी बात की शुरुआत तो की चन्नी को बधाई देकर की लेकिन अगले ही मिनट पर उन्होंने कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए.

मायावती ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को कांग्रेस का ‘चुनावी हथकंडा’ तो भारतीय जनता पार्टी ने ‘राजनीतिक मोहरा’ बताया.फ़ैसले का असर?
मायावती ने कहा, “ये बेहतर होता कि कांग्रेस पार्टी इनको पहले ही पूरे पांच साल के लिए यहां का मुख्यमंत्री बना देती. किंतु कुछ ही समय के लिए इनको पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना, इससे तो ये लगता है कि ये इनका कोरा चुनावी हथकंडा है. इसके सिवा कुछ नहीं है. ”

इत्तेफ़ाक ये भी है कि सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए जिनमें केंद्र और प्रदेश की सरकारों के ‘दलितों के हित’ में किए काम गिनाएयोगी आदित्यनाथ रविवार को वाराणसी में बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए थे.

रविवार को ही इसका वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया गया था लेकिन सोमवार को जिस वक़्त चन्नी शपथ ले रहे थे, योगी आदित्यनाथ ने लगभग तभी ट्विटर पर कई ट्वीट किए.

हालांकि इनमें चन्नी, पंजाब या कांग्रेस का कोई ज़िक्र नहीं था. लेकिन बीजेपी आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रभावी अमित मालवीय ने चन्नी के चयन का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा.चन्नी ने रचा इतिहास
चन्नी दलित समुदाय से आते हैं. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक उनका ‘दलित होना, मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए बड़ी वजह साबित हुआ.’ पंजाब में अगले साल की शुरुआत में चुनाव में होने हैं. ऐसे में चन्नी का मौजूदा कार्यकाल कुछ ही महीनों का रहेगा. लेकिन फिर भी वो एक इतिहास बनाने में कामयाब रहे हैं.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया तब जिन कांग्रेस नेताओं के नाम भावी मुख्यमंत्री के तौर पर चर्चा में थे, उनमें चन्नी का नाम शामिल नहीं था. रविवार दोपहर तक उनके नेता चुने जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं थी.

लेकिन, चन्नी के नाम का एलान हुआ तो कांग्रेस के नेता ज़ोर शोर से ये बताने लगे कि वो पंजाब के पहले ‘दलित मुख्यमंत्री’ होंगे.

कांग्रेस के सीनियर नेता मनप्रीत बादल ने रविवार को मीडिया से कहा, “पंजाब में एससी पॉपुलेशन (दलित आबादी) हिंदुस्तान में सबसे ज़्यादा है. करीब 33 फ़ीसदी. जब से हिंदुस्तान आज़ाद हुआ है जम्मू कश्मीर हिमाचल पंजाब हरियाणा दिल्ली राजस्थान आज तक पूरे नार्थ इंडिया में कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं बना. “मायावती ने क्या कहा?
उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती दलित समुदाय से ही आती हैं और उनकी गिनती देश के सबसे बड़े दलित नेताओं में होती रही है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी की नज़र पंजाब के दलित वोट बैंक पर भी है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मायावती कीमायावती ने दावा किया कि कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री बीएसपी और अकाली दल के गठजोड़ से चिंतित होकर बनाया है.

उन्होंने कहा, ” ये भी स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी यहां अकाली दल और बीएसपी के गठबंधन से काफी ज़्यादा घबराई हुई है. मुझे पूरा भरोसा है कि पंजाब के दलित वर्ग के लोग भी इनके हथकंडे के बहकावे में कतई नहीं आने वाले हैं.” बीएसपी ने पंजाब में अकाली दल के साथ गठजोड़ किया है.सियासी समीकरण
पंजाब में अकाली-बीएसपी गठजोड़ की कामयाबी के लिए दलित वोटों को ही सबसे अहम माना जा रहा है. लेकिन, मायावती की पार्टी का असल दांव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लगा होगा, जहां बीते करीब तीन दशक से दलितों का सबसे ज़्यादा वोट उन्हें हासिल होता रहा है.

इस बार प्रबुद्ध (ब्राह्मण) सम्मेलन के जरिए बीएसपी ब्राह्मण और दलित वोट बैंक को साथ लाने का वो ही फॉर्मूला आजमाने की कोशिश में है, जिसने साल 2007 में मायावती की पार्टी को पहली बार अकेले दम पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत दिलाया था.

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