अफ़ग़ानिस्तान में उपजे ताज़ा हालात से भारत की चुनौती बढ़ गई है. मोदी सरकार इस मामले में दुनिया की दो शक्तियों रूस और अमेरिका के सामने अपनी बात खुलकर कह रही है और दोनों देशों के साथ स्वतंत्र रुख़ लेकर चल रही है.
भारत और रूस ने अफ़ग़ानिस्तान में हालात की विस्तार से समीक्षा की है. दोनों देशों में सहमति बनी है कि संयुक्त राष्ट्र में अपने-अपने रुख़ को लेकर दोनों देश आपसी समन्वय बनाए रखेंगे.
बुधवार को रूसी सिक्यॉरिटी काउंसिल के सचिव जनरल निकोलाई पत्रुशेव ने नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाक़ात की थी.
एक हफ़्ते पहले ही भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पर वोटिंग का रूस ने बहिष्कार किया था. इसके बाद दोनों देशों की उच्चस्तरीय बैठक हुई है. रूस और भारत की इस बैठक में कहा गया कि दोनों देश तालिबान के वादों, अफ़ग़ानिस्तान से आतंकवाद के ख़तरों, हथियारों की आवाजाही, अतिवाद, अफ़ीम के उत्पादन और तस्करी को लेकर सतर्क हैं.”भारत स्थित रूसी दूतावास ने डोभाल के साथ जनरल निकोलाई पत्रुशेव की बैठक के बाद जारी बयान में कहा है, ”दोनों देशों के बीच अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय संकट और पलायन की समस्या के साथ शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर जारी अंतर-अफ़ग़ान वार्ता में समन्वय को लेकर भी बात हुई है. रूस और भारत में अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया के लिए अलग-अलग मंचों पर समन्वय को लेकर सहमति बनी है.”