May 6, 2024 : 2:01 PM
Breaking News
Other

रूस के बावजूद अफ़ग़ानिस्तान पर अलग-थलग पड़ेगा भारत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ़्रीका) गुट की मेज़बानी कर रहे हैं.

यह समिट वर्चुअल हो रहा है और इसमें इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं. यानी शी जिनपिंग से लेकर पुतिन तक. अफ़ग़ानिस्तान भारत के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है और रूस-चीन इस मुद्दे पर एक साथ है.

17 सितंबर को एससीओ यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन की बैठक है. इसका स्थायी सदस्य भारत भी है. भारत के अलावा चीन, रूस और पाकिस्तान समेत चार और देश हैं. यहाँ भी अफ़ग़ानिस्तान और तालिबान अहम मुद्दा होगा.

यहाँ तो स्थिति और विपरीत है. ब्रिक्स में तो भारत को ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका से मदद भी मिल सकती है, लेकिन यहाँ भारत को छोड़ सभी देश अफ़ग़ानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर चीन, रूस और पाकिस्तान के साथ लामबंद हैं. कहा जा रहा है कि भारत यहाँ अलग-थलग पड़ सकता है.ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ”भारत को छोड़कर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (एससीओ) के सभी सदस्य देश तालिबान के मुद्दे पर एक साथ हैं. एससीओ की बैठक 17 सितंबर को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होनी है. चीन और रूस बाक़ी के अहम देश ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और पाकिस्तान के साथ अफ़ग़ानिस्तान के मसले पर समन्वय कर रहे हैं. पाकिस्तान अफ़ग़ान तालिबान के बहुत क़रीब है. तालिबान ने ख़ुद भी कहा है कि वो चीन के बेल्ट रोड प्रोजेक्ट में शामिल होना चाहता है.”

Related posts

कृषि कानूनों की वापसी ने बदले सियासी समीकरण! शिअद के साथ गठबंधन से भाजपा का इनकार

News Blast

24 घंटे पानी देने की दिल्ली सरकार की योजना हो गई फेल? 8 साल बाद भी महज 5 फीसदी घरों में आपूर्ति

News Blast

कृषि आंदोलन के कारण किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं’, सरकार का संसद में जवाब

News Blast

टिप्पणी दें