न्यूयॉर्क10 घंटे पहले
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75000 से ज्यादा नए मरीज मिलने लगे हैं रोज अमेरिका में।
कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैलता है, ये बात तो स्पष्ट थी। लेकिन, यह वैक्सीन को चकमा देने में कितना तेज है, ये अमेरिका के सीडीसी (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की ताजा रिपोर्ट से जाहिर होता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैलता है। इसलिए इससे आने वाले समय में गंभीर नतीजे हो सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी उतनी ही तेजी से फैलता है, जितनी टीका न लगवाने वालों में।
सीडीसी की डायरेक्टर डॉ. रॉशेल वैलेन्सकी ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना इबोला से भी तेज फैलना वाला वायरस बना है। सीडीसी के दस्तावेज के हवाले से अमेरिकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक रिपोर्ट दी है। इसमें बताया है कि अमेरिका में रोज 75 हजार से ज्यादा नए मरीज मिलने लगे हैं। चाैंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 35 हजार मरीज वे हैं, जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है।
- 75000 से ज्यादा नए मरीज मिलने लगे हैं रोज अमेरिका में
- 35000 मरीज वे हैं, जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है
राहत की उम्मीद भी…
टीका लगवा चुके मरीजों की मौत की आशंका बिना वैक्सीन वालों से 10 गुना कम
वैक्सीन अमेरिका में संक्रमण रोकने में तो पूरी तरह कामयाब नहीं हो रही। लेकिन संक्रमण से होने वाली मौतों की आशंका को 10 गुना तक कम कर रही है। जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी, उनमें कोरोना से मौतों की दर 2% है। जबकि वैक्सीन लगवा चुके लोगों में मृत्युदर 0.2% के करीब है। यानी अगर वैक्सीन नहीं लगी हो तो 1,000 में से 20 मरीजों की मौत हो रही है। जबकि वैक्सीन लगवा चुके 1,000 लोगों में से सिर्फ दो लोगों की मौत हो रही है।
डेल्टा की वजह से मिडिल ईस्ट में संक्रमण की चौथी लहर
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट की वजह से मिडिल ईस्ट में संक्रमण की चौथी लहर शुरू हो चुकी है। यह दुनिया के लिए बड़ी चिंता की वजह है, क्योंकि मिडिल ईस्ट के 22 में से 15 देशों में टीकाकरण की रफ्तार बहुत धीमी है। इन देशों में संक्रमण के बाद अस्पतालों में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है।