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शिव आराधना: महामारी के संक्रमण से बचने के लिए घर पर शिवलिंग स्थापना और पूजा से भी मिलेगा पूरा फल

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Hindi NewsJeevan mantraDharmTo Avoid The Infection Of The Epidemic, The Installation And Worship Of Shivling At Home Will Also Give Full Results.

6 घंटे पहले

कॉपी लिंकविशेष मनोकामना के लिए राशि अनुसार शिव मंत्र और नैवेद्य से कर सकते हैं पूजा

सावन के दौरान मंदिरों में पूजा-अभिषेके लिए कईं लोग जुट रहे हैं। लेकिन महामारी के संक्रमण से बचने के लिए घर पर ही शिव पूजा करना उचित है। विद्वानों का कहना है कि देश-काल और परिस्थितियों को देखते हुए घर पर की गई शिव पूजा का भी उतना ही पुण्य फल मिलता है जितना शिवालय में करने पर मिलता है। इसलिए मठ-मंदिरों में भीड़ न लगाएं। वैसे भी सनातन परंपरा में मान्यता है कि कण-कण में शंकर है। इसलिए घर पर पार्थिव शिवलिंग की स्थापना और पूजा करनी चाहिए।

घर पर इस विधि से करें शिवलिंग स्थापना1. घर में उपलब्ध शिवलिंग (पत्थर, पारद, स्फटीक, मिट्टी या किसी धातु से बना) एक थाली में रखें। फिर उसके सामने बैठकर ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए 3 बार जल से आचमन करें। अपने चारो ओर जल छिड़काव कर पवित्रीकरण करें।2. ऊं नम: शिवाय मंत्र पढ़ते हुए ही शिवजी का ध्यान करें। शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करें और मंत्र जपते हुए शिवजी का अभिषेक करें। पहले जल से, उसके बाद गाय के दूध, दही, शक्कर, घी और आखिर में शहद से।3. भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर शुद्ध जल से नहलाएं। फिर चंदन मिले जल से गंध स्नान कराएं। इसके बाद भगवान को वस्त्र अर्पित करें। चाहें तो मौली धागा भी अर्पित कर सकते हैं।4. शिवलिंग पर पुष्प चढ़ाकर कर ऊं नम: शिवाय का जाप करें। जनेऊ चढ़ाएं। मीठी चीजों का नैवेद्य लगाएं। आखिरी में ऊं तत् पुरुषाय विदमहे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात् मंत्र के साथ पूजा पूरी करें।

राशि अनुसार शिवपूजा में चढ़ाने की चीजें और मंत्र

मेष: ऊँ ह्रीं अधोक्षजाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: केसर का दूध, गुड़

वृष: ऊँ ह्रीं अंबिका नाथाय सांब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: गाय का दूध, मिश्री

मिथुन: ऊँ ह्रीं श्रीकंठाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: गन्ने का रस, ऋतुफल

कर्क: ऊँ ह्रीं भक्तवत्सलाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: गाय का दूध, सफेद मिठाई

सिंह: ऊँ ह्रीं पिनाकिने साम्ब सदाशिवाय नम:। अनार का रसअभिषेक और नैवेद्य: अनार का रस, शहद

कन्या: ऊँ ह्रीं शशि शेखराय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: बेल का रस, ऋतुफल

तुला: ऊँ ह्रीं शम्भवाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: नारियल पानी, गाय का दूध

वृश्चिक: ऊँ ह्रीं वामदेवाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: पंचामृत, शहद

धनु: ऊँ ह्रीं सध्योजाताय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: गुलाब जल, पीली मिठाई

मकर: ऊँ ह्रीं नील लोहिताय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: तिल का तेल, अंगूर

कुंभ: ऊँ ह्रीं कपर्दिने साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: मोगरे का इत्र, ऋतुफल

मीन: ऊँ ह्रीं विष्णु वल्लभाय साम्ब सदाशिवाय नम:।अभिषेक और नैवेद्य: बेलपत्र, केसर का दूध

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