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- CIBIL MSME Pulse Report; Loans Worth Rs 9.5 Lakh Crores Disbursed To MSME
नई दिल्ली3 घंटे पहले
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कोरोना महामारी के बीच छोटे-मझोले उद्योगों में रिकवरी आने के संकेत दिख रहे हैं। बैंकों ने फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में MSME सेक्टर को 40% ज्यादा लोन दिए हैं। यह स्थिति तब है, जब पिछला साल कोविड महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच बीता है।
MSME को दिए गए लोन में 39.70% की बढ़ोतरी
सिडबी और ट्रांसयूनियन सिबिल की MSME पल्स रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में MSME को 9.5 लाख करोड़ रुपए के लोन दिए गए। इसके मुकाबले 2019-20 में इस सेक्टर को 6.8 लाख करोड़ के लोन दिए गए थे। इस हिसाब से इस मामले में 39.70% बढ़ोतरी हुई।
2.6% पहुंचा MSME का NPA
MSME सेक्टर को लोन वितरण बढ़ने का सीधा असर बैंकों के बही-खातों पर नजर आया। 31 मार्च 2021 तक की स्थिति के मुताबिक, बैंकों की बैलेंस शीट में कॉमर्शियल लेंडिंग 74.36 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इसमें MSME सेगमेंट का लोन 20.21 लाख करोड़ रुपए का रहा। जो कुल कॉमर्शियल लेंडिंग का 27% से ऊपर बैठता है। मार्च 2021 तक MSME का NPA 12.6% पहुंच गया है, जो दिसंबर, 2020 में यह 12% रहा था
सफल रही क्रेडिट गारंटी स्कीम: सिडबी, CMD
सिडबी के CMD शिवसुब्रमण्यन रमण ने कहा, MSE क्रेडिट के आंकड़े इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की सफलता बता रहे हैं। MSME सेक्टर में 40% क्रेडिट ग्रोथ में इस स्कीम की बड़ी भूमिका रही है। साथ ही छोटे उद्योगों के बीच कारोबार की धारणा में भी सुधार हुआ है। मौजूदा ग्राहकों के कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है। खासतौर से हेल्थकेयर, ट्रैवेल एवं पर्यटन उद्योग को दी गई मदद से मांग बढ़ने की उम्मीद है।
अनलॉक के बाद तेजी से बढ़ी लोन की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की पहली और दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था खोले जाने के बाद लोन की मांग तेजी से बढ़ी। महामारी की पहली लहर के दौरान इस मामले में शुरुआती गिरावट के बाद MSME सेक्टर में क्रेडिट डिमांड करीब-करीब प्री-कोविड स्थिति में आ गई। मार्च 2021 तक हालात और बेहतर हुए और कॉमर्शियल लोन के लिए पूछताछ प्री-कोविड लेवल से 32% ऊपर निकल गई।