May 12, 2024 : 1:47 PM
Breaking News
अन्तर्राष्ट्रीय

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक:अमेरिका में मृत हस्तियों को डिजिटली दोबारा जिंदा करने का ट्रेंड, विशेषज्ञ बोले- डाटा सहेजने के लिए अब वर्ल्ड हेरिटेज बनाया जाए

  • Hindi News
  • International
  • The Trend Of Digitally Resurrecting Dead Celebrities In America, Experts Said Now A World Heritage Should Be Made To Save Data

एक घंटा पहलेलेखक: एड्रियन मातेई

  • कॉपी लिंक
जाने-माने शेफ एंथनी बोर्डेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री में एआई तकनीक से हूबहू उनके जैसी आवाज - Dainik Bhaskar

जाने-माने शेफ एंथनी बोर्डेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री में एआई तकनीक से हूबहू उनके जैसी आवाज

अमेरिका में जाने-माने शेफ और टीवी प्रेजेंटर एंथनी बोर्डेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री को उनके डिजिटल पुनर्जन्म के रूप में देखा जा रहा है। ‘रोडरनर’ नामक इस डॉक्यूमेंट्री में 45 सेकंड तक की उनकी आवाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए पेश की गई, जिसमें ऐसा लग रहा है कि बोर्डेन खुद बोल रहे हों। डॉक्यूमेंट्री के निर्देशक मॉर्गन नेविल ने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसी महान शख्सियतों को डिजिटल रूप से पुनर्जीवित करने के लिए एक पैनल बना लिया जाए। 2-डी, थ्री-डी, होलोग्राम और एआई और चैटबॉट से हम इन्हें दोबारा जिंदा कर सकते हैं।

अमेरिका में यह पहला मौका नहीं है, जब एआई तकनीक से किसी शख्सियत को दोबारा जिंदा किया गया हो। रैपर टूपैक शकूर को मंच पर होलोग्राम से उनकी मौत के 15 साल बाद पेश किया गया। 19 साल के ऑर्डे हेपबर्न 2014 के गैलेक्सी चॉकलेट के विज्ञापन में और कैरी फिशर और पीटर कुशिंग मरने के बाद भी ‘स्टार वार्स’ फिल्म में अपने किरदार को दोहराया। किम कारदाशियां को तलाक सेे पहले कान्ये वेस्ट ने किम के पिता की होलोग्राम छवि के साथ जन्मदिन की बधाई इस अंदाज में दी थी कि किम बोल पड़ी थीं- ‘ऐसा लगा कि मेरे पिता स्वर्ग से सीधे मेरे सामने आ गए हैं।’

डिजिटल पुनर्जन्म के विषय पर अमेरिका में अब यह सवाल उठने लगा है कि मरने के बाद हमारे डाटा का क्या होगा? क्योंकि मरने के बाद हमारे ई-मेल, टैक्स्ट मैसेजेस, सोशल मीडिया प्रोफाइल, सर्च प्रोफाइल, फोटो सारी चीजों को हम यूं ही छोड़ देते हैं। इस मामले में डिजिटल मामलों के जानकार डॉ. कॉर्ल ओहमैन ने कहा कि अब समय बदल रहा है। सदियों से इस मामले में केवल अमीर और प्रमुख हस्तियां ही अपने डाटा के प्रति सावधान हुआ करती थीं। लेकिन, अब आम लोग भी जागरूक हो गए हैं।

इन तमाम डिजिटल अवशेष का डॉक्यूमेंटेशन होना चाहिए। ठीक उसी तरह जैसे हम अपनी प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करते हैं। यह केवल इतनी सी बात नहीं है कि ‘मैं अपने मृत पिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल का क्या करूं?’ बल्कि सवाल यह है कि पिछली पीढ़ी के सोशल मीडिया प्रोफाइल का हम क्या उपयोग कर रहे हैं? हमें पुरातात्विक अवशेषों की तरह डिजिटल अवशेषों को भी पूरी तरह सुरक्षित रखना होगा ताकि हम पीढ़ियों के इतिहास को समझ सकें।

डाटा क्रांति: हरेक मिनट में 18.8 करोड़ ई-मेल और 38 लाख सर्चिंग
डिजिटल विशेषज्ञ डॉ. कॉर्ल ओहमैन का कहना है कि एक स्टडी के मुताबिक सदी के अंत तक फेसबुक के पास 490 करोड़ मृतकों का डाटा होगा। यह डाटा निजी और सामाजिक दोनों स्तर पर चुनौतियां पेश करेगा। संचार क्रांति के चलते लाेग गूगल पर एक मिनट में ही 38 लाख बार सर्च करते हैं, 18.8 करोड़ ई-मेल करते हैं। टिंडर पर ही 14 लाख लोग एक मिनट में स्वाइप कर लेते हैं। इसलिए अब जरूरी हो गया है कि हम ‘वर्ल्ड डिजिटल हेरिटेज’ का निर्माण करें।

खबरें और भी हैं…

Related posts

वैज्ञानिकों की राय:कोरोना उत्पत्ति की सही जांच नहीं कर सकेगा WHO, कोरोना पर आगे की जांच की योजना बना रहा संगठन

News Blast

खेत में बने गड्ढों में डूबने से दो सगी बहन सहित 3 बच्चों की मौत

News Blast

फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए टिकटॉक स्टार ने पति की मौत का फेक वीडियो वायरल किया, शोक जताने के लिए घर पहुंचे लोग

News Blast

टिप्पणी दें