May 20, 2024 : 9:23 AM
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जंगल बचाने ‘शिव’ का सहारा:​​​​​​​छत्तीसगढ़ में 8 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए काटे जाने हैं 2000 पेड़; चिपको आंदोलन के बाद अब पेड़ों पर लगा रहे भोलेनाथ के फोटो

बालोद9 घंटे पहले

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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने अनोखी मुहिम छेड़ी है। जिले के तरौद दैहान प्रोजक्ट के तहत 8 किमी की सड़क बनाने के लिए 2 हजार पेड़ काटे जाने हैं। इसे बचाने के लिए अब ‘हमने ठाना है, पर्यावरण बचाना है’ गाते हुए लोगों ने पेड़ों पर भगवान शिव के फोटो चिपकाने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले लोगों ने विरोध में ‘चिपको आंदोलन’ शुरू किया था।

तरौद दैहान बाईपास बनाने के लिए सरकार 2 हजार पेड़ काटने की तैयारी में है। इस बाईपास को 10 मीटर चौड़ा कर करीब 8 किमी तक कंक्रीट की सड़क बनाने की योजना है। इसके बाद यह सड़क नेशनल हाईवे-930 से जुड़ जाएगा। करीब 40 करोड़ रुपए खर्च कर बनाई जाने वाली इस सड़क के लिए वहां लगे पेड़ों को काटा जाएगा। खास बात यह है कि सड़क के दोनों ओर की जमीन वन विभाग की है। इसके बाद से ही लोग विरोध कर रहे हैं। दावा ये भी किया जा रहा है कि सड़क बनाने के लिए 20 हजार पेड़ काटने की तैयारी है।

बाईपास निर्माण के लिए पेड़ों को कटने से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले पेड़ों से लिपट कर विरोध जताया।

बाईपास निर्माण के लिए पेड़ों को कटने से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले पेड़ों से लिपट कर विरोध जताया।

बोले- पेड़ों में ईश्वर का वास, इसलिए अब उनकी ही फोटो लगा रहे
पर्यावरण प्रेमियों और लोगों ने पेड़ों पर भगवान शिव की फोटो चिपकाना शुरू कर दिया है। ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि पेड़ों में ईश्वर का वास है। उनसे हमें जीने के लिए प्राणवायु मिलती है। पेड़ प्रकृति को संतुलित करते हैं। इसीलिए दैहान से तरोद तक भगवान शंकर की फोटो पेड़ों में चिपकाने का काम शुरू किया गया है। साथ ही पेड़ नहीं काटने की शासन और प्रशासन से मांग कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 20 हजार पेड़ काटे जाने हैं।

पेड़ों को बचाने उनसे लिपटे, राखी बांधी
बाईपास निर्माण के लिए पेड़ों को कटने से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले पेड़ों से लिपट कर विरोध जताया। कहा कि पर्यावरण प्रेमियों ने एक और चिपको आंदोलन शुरू किया था। वह पेड़ों से लिपटकर उसे न काटने देने का संकल्प ले रहे हैं। सड़क निर्माण के लिए जंगल की बलि नहीं देने देंगे। हमें जीने के लिए शुद्ध हवा चाहिए। फिर महिलाओं और युवतियों ने पेड़ों को राखियां बांधी, चौक-चौराहों पर पोस्टर लगाए।

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