राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Fri, 23 Jul 2021 04:11 PM IST
सार
कई मामलों में अपील दायर करने में देरी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के प्रति नाराजगी प्रकट की है। छग हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ 647 दिन बाद अपील दायर होने पर शीर्ष कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए जांच एजेंसी को व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया।
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विस्तार
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा अपील दायर करने में देरी पर यह भी संदेह होता है कि उनके और आरोपियों के बीच सांठगांठ तो नहीं है?
नहीं चला कोरोना का बहाना, खारिज कर दी याचिका
दरअसल, इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान पीठ ने पाया कि इस मामले में अपील 647 दिनों की देरी से दायर हुई है। केंद्र सरकार की ओर से देरी का कारण कोरोना बताया गया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में कोरोना मार्च 2020 में शुरू हुआ था जबकि हाईकोर्ट का आदेश जून 2019 का है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपील दायर करने में देरी के कारण को अस्वीकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी, लेकिन जांच एजेंसी की सुस्ती को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को इस संबंध में जरूरी प्रशासनिक कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की देरी न हो।
छग हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपियों को बरी कर दिया था
दरअसल, मौजूदा मामला भ्रष्टाचार से संबंधित था और रायपुर की विशेष अदालत ने 2012 में कुछ सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। लेकिन 26 जून 2019 को हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया था। केंद्र ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।