फरीदाबाद7 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
सात दिनों तक नीमका जेल में रहने के बाद रिहा हुए भाजपा पार्षद।
सेक्टर 25 जल बूस्टर पर एफएमडीए व निगम के एक्सईएन को भाजपा पार्षद जयवीर खटाना और उनके पिता धर्मवीर खटाना द्वारा बंधक बनाने और दलित समाज पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। दोनों पक्षों से समझौता हो जाने के बाद भी पुलिस ने पार्षद और उनके पिता पर दर्ज SC/ST एक्ट केस को कैंसिल करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में अब पार्षद केस कैंसिल कराने के लिए हाईकाेर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं दूसरी ओर नीमका जेल में बंद पार्षद को जिला काेर्ट से जमानत मिल गयी। मंगलवार रात उन्हें एक सप्ताह बाद रिहा कर दिया गया। लेकिन अभी इनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है। पार्षद के वकील एमएस यादव का कहना है कि केस कैंसिल कराने के लिए वह जल्द हाईकोर्ट जाएंगे।
विवाद का ये है पूरा मामला
एनआईटी इलाके में पानी की समस्या होने से नाराज लोगों ने 11 जुलाई को सेक्टर 25 स्थित पानी के बूस्टर पर धावा बाेल जमकर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा पार्षद जयवीर खटाना कर रहे थे। लोगों ने वहां मौजूद एफएमडीए के एक्सईएन मदनलाल शर्मा व निगम एक्सईएन जेपी बधवा का घेराव कर करीब तीन घंटे तक बंधक भी बनाए रखा। इसके बाद एफएमडीए के चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ ने पार्षद और उनके समर्थकों पर केस दर्ज कराया। वहीं सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर बालगुहेर ने पार्षद और उनके पिता धर्मवीर खटाना के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया था।
सात दिन बाद जेल से रिहा हुए पार्षद
अधिकारियों से मारपीट करने और SC/ST एक्ट के आरोप में जेल में बंद भाजपा पार्षद एक सप्ताह बाद मंगलवार रात करीब आठ बजे रिहा हो गए। पार्षद के वकील एमएस यादव ने बताया कि एडीजे नाजिर सिंह की कोर्ट से उन्हें SC/ST केस में जमनत दे दी। इसके बाद बेल बांड जेल अधीक्षक को भेजा गया। रात करीब आठ बजे उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।उन्होंने बताया कि मारपीट और SC/ST केस में उन्हें 14 जुलाई को नीमका जेल भेजा गया था। मारपीट के मामले में जेल में बंद अन्य आरोपी कुलदीप, राजन सूद, रजत आहूजा, भीम सिंह, रमन, रविंदर, मनिंदर व आकाश को 16 जुलाई को ही जमानत मिल चुकी है।
पुलिस ने डिस्चार्ज रिपोर्ट लगाने से किया इंकार
एडवोकेट ने बताया कि SC/ST एक्ट के तहत पार्षद और उनके पिता पर दर्ज FIR में पुलिस ने डिस्चार्ज रिपोर्ट लगाने से इंकार कर दिया है। जबकि FIR दर्ज कराने वाले सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर बालगुहेर ने अन्य पार्षदों की माैजूदगी में समझौता कर लिया और दोनों पक्षों ने शपथ पत्र भी दे दिया। उन्होंने बताया कि इस केस को निरस्त करने के लिए पार्षद डीसीपी के पास गए थे लेकिन पुलिस ने डिस्चार्ज रिपोर्ट लगाने से इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि अब हम इसके खिलाफ केस खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट जाएंगे। साथ ही आरोपी बनाए गए पिता धर्मवीर खटाना अग्रिम जमानत के लिए भी अपील करेंगे।