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IIT कानपुर ने दिए तीसरी लहर पर सुझाव:मध्यप्रदेश सरकार से कहा- जितनी जल्दी हो सके नए वैरिएंट की पहचान कर इसे राेकें, वैक्सीनेशन बढ़ाएं, अगस्त के बाद केस बढ़ने की आशंका

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  • The Third Wave Can Only Spread Rapidly When A New Strain Arrives; Yet Only Half That Of The Second Wave; This Report Became The Basis For The Preparation Of The MP Government.

मध्य प्रदेश2 घंटे पहलेलेखक: राजेश शर्मा

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आईआईटी कानपुर के पद्मश्री प्रो. मनिंद्र अग्रवाल ने कोराेना की तीसरी लहर को लेकर मध्यप्रदेश सरकार को अहम सुझाव दिए हैं। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के नए म्यूटेंट की पहचान कर इसे रोकने के इंतजाम जल्दी करना चाहिए। यदि नया म्यूटेंट आया तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है। डेल्टा वैरिएंट उन लोगों को संक्रमित कर रहा है, जो एक अलग प्रकार के वैरिएंट से संक्रमित थे। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे वैक्सीनेशन अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या चौथी लहर की आशंका कम होगी। प्रो. अग्रवाल ने मध्यप्रदेश सरकार को सलाह दी है कि सितंबर-अक्टूबर में अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाया जाए। सरकार ट्रैसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर सरकार फोकस करे। जितनी जल्दी हो सके नए वैरिएंट्स की पहचान कर उन्हें रोका जाए।

प्रो. अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। उन्होंने कहा है कि अगर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन नहीं किया गया, तो अक्टूबर-नवंबर के बीच कोरोना की संभावित तीसरी लहर पीक पर पहुंच सकती है। हालांकि, यह दूसरी लहर की तुलना में 50% कम खतरनाक होगी। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तीसरी लहर के लिए तैयारी तेज कर दी है। पिछले दिनों कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष इसका प्रजेंटेशन भी दिया था।

कोविड -19 मामलों की मॉडलिंग का काम कर रहे प्रो. अग्रवाल ने कहा है, हो सकता है, तीसरी लहर सामान्य हो। यह कई चीजों पर निर्भर करता है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को तैयारियां पुख्ता रखनी चाहिए। ‘सूत्र मॉडल’ से बनी रिपोर्ट कोविड-19 मामलों का गणितीय अनुमान लगा कर तैयार की गई। रिपोर्ट में कहा गया है, दूसरी लहर में रोजाना जितने मामले सामने आए उसकी तुलना में तीसरी लहर में रोजाना आधे मामले सामने आने की आशंका है।

वैक्सीनेशन के बाद भर्ती होने के मामलों में कमी
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान रोजाना देश में 50 हजार से 1 लाख नए मामले आ सकते हैं। अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम रह सकते हैं। उन्होंने रिपोर्ट में ब्रिटेन का उदाहरण दिया है। जहां जनवरी में 60 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा 1200 था। हालांकि, तीसरी लहर के दौरान यह संख्या घटकर 21 हजार रह गई और मौत 14 हुईं। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले मामलों को कम करने में वैक्सीनेशन ने प्रमुख भूमिका निभाई।

अग्रवाल की रिपोर्ट के 3 मुख्य पॉइंट्स

1 – आशावादी : अगस्त तक जीवन सामान्य हो जाता है। वायरस का नया स्वरूप नहीं होगा।

2 – मध्यवर्ती: आशावादी परिदृश्य धारणाओं के अलावा टीकाकरण 20% कम प्रभावी है।

3- निराशावादी: अगस्त में एक नया, 25% अधिक संक्रामक म्यूटेंट वैरिएंट फैलता है, लेकिन डेल्टा वैरिएंट से अधिक संक्रमित नहीं है।

मध्यप्रदेश सरकार का दावा

  • प्रदेश में सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में 14,013 ऑक्सीजन बेड की संख्या सितंबर तक बढ़ाकर 17 हजार 827 की जाएगी। ICU बेड 3,776 से बढ़ाकर 4,771 किए जाएंगे।
  • वर्तमान में 6,369 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं। जुलाई के अंत तक इसे बढ़ाकर 12,339 कर लिया जाएगा।
  • केंद्र सरकार के सहयोग से 169 PSA ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसमें से 21 स्थापित हो चुके हैं। शेष 148 प्लांट सितंबर के अंत तक स्थापित हो जाएंगे।
  • 1442 डॉक्टर, 904 विशेषज्ञ, 2913 एएनएम, 222 मेल नर्स व 68 अस्पताल प्रबंधकों की भर्ती अक्टूबर तक होगी।
  • डेढ़ लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक में। 50 हजार आरसी लाइपोसोमल एम्फोटेरेसिन बी और 1 हजार वायल्स टोसिलिजुमैब भी।
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