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- Uttarakhand Cancels Kanwar Yatra; 7 Days Religious Event ‘Kharchi Puja’ Started In Tripura, Few Devotees Attended
अगरतला7 घंटे पहले
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त्रिपुरा में शनिवार से शुरू हुआ खर्ची पूजन। देवी-देवताओं की मूर्तियों को मंदिर की तरफ ले जाते 14 पंडित।
कोरोना के मद्देनजर उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द की जा चुकी है। उधर, उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ यात्रा पर ब्रेक लग चुका है। उत्तर भारत के दो बड़े राज्यों में भले ही सावन के महीने में आकर्षण का केंद्र रहने वाली कांवड़ यात्रा न निकल रही हो, लेकिन त्रिपुरा में 7 दिन तक चलने वाली खर्ची पूजा का आयोजन शुरू हो गया है। शनिवार को 14 देवी-देवताओं की पूजा के साथ इसकी शुरुआत हुई। कोरोना के चलते, इसमें सीमित लोगों ने ही भाग लिया।
तस्वीरों में देखिए त्रिपुरा की खर्ची पूजा
खर्ची पूजा में 14 पंडित देवी-देवताओं को मंदिर से सैद्रा नदी में स्नान कराने के लिए लाते हैं।
पिछले 500 साल से आयोजित हो रही खर्ची पूजा में पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाती महिला।
खर्ची पूजा के दौरान देवी-देवताओं का फूलों से श्रृंगार और सिंदूर से अभिषेक किया जाता है।
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के 14 देव मंदिर में खर्ची पूजा का आयोजन किया जाता है।
खर्ची पूजा में मुख्य रूप से पृथ्वी, अबाधि, गंगा, अग्नि, कामदेव और हिमाद्री की पूजा होती है।
त्रिपुरा में हर साल आषाढ़ महीने की अष्टमी को खर्ची पूजा का आयोजन किया जाता है।
इस पूजन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हाेते हैं। मंदिर के पास मेला भी लगता है।
इस आयोजन में देश के साथ पड़ोसी देश बांग्लादेश के लोग भी शामिल होने पहुंचते हैं।