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- Ruchi Soya Bought Adani If It Was Free, Put Her Face Value In It To Increase The Value: Baba Ramdev
नई दिल्ली20 मिनट पहले
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दिवालिया प्रक्रिया से रुचि सोया को खरीद कर उसे प्रॉफिट में लाने के बाद बाबा रामदेव कंपनी का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लेकर आ रहे हैं। इसके जरिए वह 4300 करोड़ रुपए जुटाएंगे। अपनी योजनाओं पर उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
सवाल: हाल में एनसीएलटी में ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें बैंकों ने देनदारी से 95% कम रकम लेकर कंपनी किसी पक्ष को बेच दी। क्या आपको लगता है कि ये गलत है?
जवाब: ये बेहद गंभीर और संवेदनशील मुद्दे हैं। हम किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते। लेकिन हमारा मानना है कि बैंकों को अधिक से अधिक पेमेंट मिलना चाहिए। बैंकों का जो पैसा है, वह राष्ट्रीय संपत्ति है और राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान नहीं होना चाहिए।
सवाल: रुचि सोया के मामले में भी कहा जा रहा है कि बैंकों ने 5300 करोड़ रुपए का हेयरकट लेकर आपको 4350 करोड़ रुपए में कंपनी दे दी?
यह सरासर गलत है। हमने ट्रांसपैरेंसी के साथ खरीदा, बिडिंग प्रॉसेस के जरिए खरीदा। हमने रुचि सोया के लिए जो भुगतान किया वह अब तक की एनसीएलटी प्रॉसेस में सबसे अधिक है। अदाणी जैसी कंपनी प्रतिस्पर्धा में थी। अगर लाभ दिख रहा होता तो वो कैसे छोड़ देती। हम सबका मुंह बंद ताे नहीं कर सकते।
सवाल: एफपीओ से जो फंड आप जुटाने जा रहे हैं, उसका क्या इस्तेमाल करने की योजना है?
जवाब: इसमें से 62% रकम कर्ज चुकाने में, 14% कैपिटल फंडिंग में और 24% अन्य मदों में खर्च की जाएगी। हमारा मकसद कंपनी को डेट फ्री करना है। हम रुचि सोया को मार्केट लीडर बनाना चाहते हैं। हमारा सपना है कि 2025 तक रुचि सोया को यूनिलीवर से भी बड़ी कंपनी बना पाएं। इसके लिए हम सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट भी कराने जा रहे हैं।
सवाल: पतंजलि समूह की आगे किस सेक्टर में उतरने की योजना है?
जवाब: पतंजलि की 22 कंपनियां हैं। हम इन्हें ही मजबूत करेंगे। पाम ऑयल का प्लांटेशन करने जा रहे हैं। इसके लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम आदि राज्यों में ग्राउंड वर्क किया जा चुका है।
सवाल: आरोप है कि रुचि सोया के लिए आपने अपने पास से सिर्फ 1,100 करोड़ रुपए ही दिए। शेष 3,250 करोड़ आपको इन्हीं बैंकों ने रुचि सोया के शेयरों के बदले बतौर लोन दिए। रुचि सोया के शेयर के दाम 3.5 रुपए से बढ़कर 1100 रुपए से अधिक हो गए हैं। इसी शेयर का एफपीओ लाकर आप 4,300 करोड़ जुटाने जा रहे हैं। इस तरह से रुचि सोया आपको मुफ्त में मिल गई।
जवाब: मुफ्त का था तो अडाणी खरीद लेते। कोई एमएनसी खरीद लेती, वह भी तो थीं कतार में। कंपनी की वैल्यू बेकार की बातें करने से नहीं बढ़ती, परफॉर्म करने से बढ़ती है। हमने एक कमोडिटी कंपनी को एफएमसीजी कंपनी में परिवर्तित किया। पतंजलि ने अपनी ब्रांड वैल्यू इसमें डाली, स्वामी रामदेव ने अपनी फेसवैल्यू इसमें डाली। इस कंपनी की वैल्यू बनाने के लिए पतंजलि ने अपना सबकुछ डाल दिया। तब जाकर ये वैल्यू बनी है। जो ऐसी बातें कर रहे हैं वह सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय अपराध कर रहे हैं। लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार है।
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