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यूपी में आतंक के तार: पाकिस्तान में साजिश, फिर दरभंगा ब्लास्ट से आतंकियों की गिरफ्तारी तक, पढ़िए कब-कब क्या हुआ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Tue, 13 Jul 2021 04:39 PM IST

सार

पाकिस्तान में साजिश के बाद दरभंगा ब्लास्ट को अंजाम दिया गया। इसके बाद भी आतंकी यूपी में सक्रिय रहे। लेकिन इस बार एटीएस की टीम ने लखनऊ में अलकायदा के आतंकियों को गिरफ्तार कर साजिश को नाकाम कर दिया। पढ़िए शुरू से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?

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विस्तार

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट के तार उत्तर प्रदेश के शामली जिले से जुड़े तो एनआईए की टीम ने ताबड़तोड़ छामामारी की। छापामारी के दौरान एनआईए की टीम ने शामली के कैराना से दो लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की। पूछताछ में उनका कनेक्शन आईएसआई से निकला तो पश्चिमी यूपी में पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद एनआईए की टीम ने हैदराबाद में रह रहे कैराना के दो भाइयों नासिर और इमरान खान को भी गिरफ्तार किया। इन चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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उधर, एटीएस की टीम ने रविवार को लखनऊ में कार्रवाई करते हुए अलकायदा के दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। अलकायदा के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे यूपी में अलर्ट जारी करते हुए एनआईए की टीम ने छापामारी शुरू कर दी। वहीं एनआईए की टीम ने शनिवार को मेरठ में किठौर के कायस्थ बढड़ा गांव में छापा मारा है। जहां से जिला पंचायत सदस्य चुनाव में रहे प्रत्याशी के भाई को एनआईए की टीम पकड़कर ले गई। 

वहीं लखनऊ में पकड़े गए आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने पूछताछ में कई चौंका देने वाले खुलासे किए। आतंकियों ने इस बार लखनऊ को बड़ा ठिकाना बनाया था। खासकर विस्फोटक इकट्ठा करने, आईईडी बनाने व साजिश रचने का ठिकाना लखनऊ में बनाया। लेकिन कानपुर में उनके स्लीपर सेल सक्रिय रहे। यहां से तमाम जानकारियां व फंडिंग उनको की जा रही थी। पहले लखनऊ और फिर कानपुर को निशाना बनाना आतंकियों की साजिश थी। हालांकि जांच एजेंसी ने इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया।

शामली से जुड़े थे दरभंगा ब्लास्ट के तार

बिहार के दरभंगा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड कैराना का सलीम था। उसकी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई से रोजाना बातचीत होती थी। वह साधारण मोबाइल ही रखता था ताकि किसी को शक न हो। ब्लास्ट से पहले कपड़ों की पोटली का एक फोटो सलीम ने अपने दोस्त कासिम के मोबाइल से भेजा था। ब्लास्ट की पूरी साजिश सलीम ने रची और तेलंगाना तक अपना जाल फैलाया। एनआईए ने मामले की छानबीन की और कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए।

शामली के कैराना निवासी सलीम और कासिम को पकड़कर एनआईए की टीम अपने साथ ले गई थी। दोनों का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा है और उनकी बिहार के दरभंगा ब्लास्ट के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी। एनआईए ने पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों से काफी जानकारी जुटाकर तेलंगाना के दो युवक इमरान और नावेद को भी पकड़ा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड सलीम था और उसने बड़ी प्लानिंग करके वारदात को अंजाम दिलाया। उसके पास एक साधारण मोबाइल है, जिसमें इंटरनेट नहीं चलता। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर मैसेज भेजने के लिए सलीम ने सबसे पहले अपने दोस्त कासिम को जोड़ा। सलीम ही आईएसआई से फोन पर बात करता था, अगर कोई मैसेज भेजना होता था तो कासिम के मोबाइल से भेजा जाता था।

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