May 17, 2024 : 1:15 PM
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जांच शुरू:कोतवाली में फर्जी आईएएस की खातिरदारी, बैरक के बाहर लगवाया गया पोर्टेबल फैन

इंदौरएक घंटा पहले

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कैमरा देख पंखे को छिपाने की कोशिश करते रहे पुलिसकर्मी। - Dainik Bhaskar

कैमरा देख पंखे को छिपाने की कोशिश करते रहे पुलिसकर्मी।

  • डीपीओ शेख और संतोष वर्मा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ

सीबीआई और व्यापमं के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट के फर्जी आदेश जारी करवाकर आईएएस बने संतोष वर्मा को थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। सेंट्रल कोतवाली में उसके बैरक के बाहर पोर्टेबल फैन लगवाया गया है। उसे कंबल भी दिया गया, लेकिन वह रातभर जागता रहा। वह बोला कि जिंदगी में सब खत्म हो गया है। अफसरों को लगा कहीं गलत कदम न उठा ले, इसलिए निगरानी में चार जवान लगाए गए हैं। एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि पूरे प्रकरण में जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर पुलिस दोषियों के नाम प्रकरण में बढ़ाएगी। फिलहाल आरोपी वर्मा 14 तारीख तक के लिए रिमांड पर है। उनके विभाग प्रमुखों को पत्राचार व ई-मेल के जरिए उनकी गिरफ्तारी की सूचना भेजी है। जल्द ही विभाग सस्पेंशन की कार्रवाई करेगा।

पूरे प्रकरण में फर्जी आदेश तैयार करने से लेकर, सील, साइन एप्लिकेशन लगाने व कोर्ट के रिकॉर्ड में हेर-फेर करने के बिंदुओं पर पुलिस टीमें जांच कर रही हैं। कोर्ट से जुड़े कुछ बड़े नाम भी इस केस में दोषियों के रूप में सामने आ सकते हैं। आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि पूरे मामले में सभी तथ्यों को परखा जा रहा है। अभी कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई है। साक्ष्यों के आधार पर आगे आरोपी बनाए जाएंगे।
वर्मा ने जजों पर आरोप लगाकर अपने केस ट्रांसफर भी करवाए थे
यह भी पता चला है कि लिव इन पार्टनर रही महिला के साथ विवाद में जिन-जिन थानों में वर्मा को लेकर केस दर्ज हुए। उनके कोर्ट प्रकरणों में वर्मा ने पद पर रहने का फायदा उठाकर जजों पर भी आरोप लगाकर केस ट्रांसफर करवाए थे। फैमिली कोर्ट के एक केस में उन्होंने जज की ही शिकायत कर दी थी। केस ट्रांसफर पिटीशन में फैमिली कोर्ट के एक जज ने अपनी रिपोर्ट में जजों पर आरोप लगाने की जानकारी दी तो हाई कोर्ट ने पिटीशन ही खारिज कर दी।

केस दर्ज कराने वाले जज के बयान हुए

इधर, सीएसपी ने पूरे मामले जांच शुरू कर दी है। सोमवार को केस दर्ज करवाने वाले न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के बयान लिए गए। कोर्ट के प्रतिलिपिकार, नकल सेक्शन प्रमुख सहित 5 बाबुओं को कथन के लिए बुलाया। पुलिस को न्यायालय से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध लग रही है। अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को डीपीओ अकरम शेख को भी तलब किया गया।

शेख और वर्मा को आमने-सामने बैठाकर कई बिंदुओं पर करीब 5 घंटे पूछताछ की। इसके बाद उन्हें जाने दिया गया। इसी बीच, वर्मा के हस्ताक्षर और राइटिंग के नमूने लेकर उसे जांच के लिए पुलिस अधिकारियों ने भोपाल भेजा है। देर रात तक मामले में किसी अन्य की गिरफ्तारी की पुष्टि पुलिस अफसरों ने नहीं की।

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