28 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की यादों को ताजा किया है। अनुपम ने एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कई साल पहले की एक घटना को याद करते हुए बताया कि जब वो एक पार्टी में गए थे तब उनकी मुलाकात दिलीप साहब से हुई थी। अनुपम खेर ने दिलीप कुमार के साथ ‘कर्मा’, ‘सौदागर’ और ‘इज्जतदार’ जैसी फिल्मों में काम किया था।
अनुपम की मुलाकात दिलीप साहब से एक पार्टी में हुई थी
अनुपम ने बताया कि उनके एक पत्रकार दोस्त उन्हें एक पार्टी में ले गए थे, जिसमें कई स्टार्स शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, “मैं उस समय चकित रह गया था। मैं पिछले दो साल से बॉम्बे में था, लेकिन मैं वहां सभी एक्टर्स को देख रहा था। और अचानक से जब मैंने दिलीप साहब को आते हुए देखा, तब मैं उनके पास गया और मैंने कहा, ‘नमस्ते, सर’ ।”
दिलीप साहब ने अनुपम को शायद अपना परिचित समझ लिया था
अनुपम ने आगे बताया कि दिलीप साहब ने शायद उन्हें एक परिचित समझ लिया था। वह कहते हैं, “तो उन्होंने कहा, मेरा हाथ पकाड़ के, ऐसे अपने बगल में लेके, ‘बेटे, कहां रहते हो? बहुत दिनों बाद दिखाई दिए’। अब मेरा हाथ दिलीप साहब के बगल में है और वह सब से बात कर रहे हैं और मैं उनके पीछे जोकर की तरह चल रहा हूं।”
दिलीप साहब ने की थी अनुपम से विनम्र तरीके से बात
अनुपम ने कहा कि दिलीप साहब उनसे बहुत विनम्र तरीके से बात कर रहे थे, क्योंकि वो सोच भी नहीं सकते थे कि पार्टी में कोई गेटक्रैशर होगा। एक्टर ने बताया, “और मैं चाहता था कि पूरी दुनिया मुझे देख ले इस समय कि दिलीप कुमार साहब ने मेरा हाथ अपने बगल में रखा हुआ है।”
देविका रानी ने यूसुफ खान को दिलीप कुमार के नाम से पेश किया था
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। दिलीप साहब के पिता लाला गुलाम सरवर खान और माता आयशा बेगम ने अपने बेटे का नाम यूसुफ खान रखा था। 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म के जरिए इंडियन सिनेमा की पहली स्टार एक्ट्रेस देविका रानी ने यूसुफ खान को दिलीप कुमार के नाम से पेश किया था। दिलीप के परिवार में उनकी पत्नी सायरा बानो हैं। दिलीप साहब का पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के जुहू कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया था।