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तीज-त्योहार:गुप्त नवरात्र के दौरान स्नान-दान और पितृ पूजा का दिन, 16 जुलाई को रहेगा कर्क संक्रांति पर्व

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2 घंटे पहले

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  • 11 जुलाई को पुष्य नक्षत्र में की गई देवी पूजा और अन्य शुभ कामों का विशेष फल मिलेगा

11 जुलाई, रविवार को आषाढ़ नवरात्र शुरू हो जाएंगे। जो कि 18 तारीख तक रहेंगे। इस बार सप्तमी तिथि का क्षय हो रहा है। पंचांग भेद होने से कुछ विद्वान षष्ठी तिथि का क्षय मान रहे हैं। इस कारण गुप्त नवरात्र 8 दिन के ही रहेंगे। इन दिनों दस महाविद्या के रूप में देवी पूजा की जाएगी। नवरात्र के दौरान सूर्य के कर्क राशि में आने से दक्षिणायन भी शुरू हो जाएगा। लेकिन इन दिनों में प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट में निवेश के साथ ही हर तरह की खरीदारी और लेन-देन किया जा सकता है। दक्षिणायन में सिर्फ मांगलिक कामों की मनाही होती है।

सप्तमी तिथि पर सूर्य संक्रांति
इस नवरात्र के दौरान 16 जुलाई को सप्तमी तिथि में सूर्य राशि बदलकर कर्क में प्रवेश करेगा। इस दिन कर्क संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इस सूर्य पर्व पर तीर्थ स्नान और दान के साथ पितरों के लिए श्राद्ध करने की भी परंपरा है। ऐसा करने से कभी न खत्म होने वाला कई गुना पुण्य मिलता है। इस दिन से दक्षिणायन शुरू हो जाएगा। ग्रंथों में बताया गया है कि जब सूर्य कर्क राशि में आता है तब से दक्षिणायन यानी देवताओं की रात का समय शुरू हो जाता है। इस दौरान मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं।

अश्विन-चैत्र में प्रकट और आषाढ़-माघ में गुप्त नवरात्र
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि 11 जुलाई से गुप्त नवरात्र शुरू हो रहे हैं। साल में चार नवरात्र होते हैं। इनमें दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्र होते हैं। हिंदू कैलेंडर के अश्विन और चैत्र महीने में प्रकट, आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्र होती हैं। अभी आषाढ़ मास के नवरात्र है। 17 जुलाई को महाअष्टमी रहेगी। नौ दिनों में देवी मंदिरों व घरों में श्रद्धालु मां दुर्गा काली के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करेंगे। दुर्गा सप्तशती के पाठ व अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे।

दश महाविद्याओं की पूजा
आषाढ़ नवरात्र में दस महाविद्याओं के रूप में देवी की पूजा होगी। इनके नाम मां काली, तारा, मातंगी, धूमावती, त्रिपुर सुंदरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, कमला और भुवनेश्वरी है। गुप्त नवरात्र में इनके बीज मंत्रों का जाप करते हुए सिद्धि प्राप्त की जाती है। इसके बाद 18 जुलाई, रविवार को भड़ली नवमी पर नवरात्र का आखिरी दिन रहेगा।

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