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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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कोरोनावायरस के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, लेकिन देश में वैक्सीनेशन की कमी बनी हुई है। देश में वैक्सीनेशन का अभाव 54% है। 59 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले कुछ सबसे बड़े राज्यों में रोजाना के वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड सबसे खराब है। वैक्सीनेशन पर मौजूद डेटा के मुताबिक, केरल ,और दिल्ली में वैक्सीनेशन टारगेट 22 फीसदी कम है, जबकि बिहार में यह कमी 71 फीसदी है। राजस्थान और बंगाल में वैक्सीनेशन का अभाव 66 फीसदी है। किसी राज्य में वैक्सीनेशन का अभाव वहां की आबादी के प्रतिशत में मापा जाता है।
इन राज्यों में भी बेहतर हैं हालातकेरल और दिल्ली के साथ पंजाब, कर्नाटक और गुजरात में भी वैक्सीनेशन की कमी वहां की आबादी के हिसाब से ज्यादा नहीं है। पंजाब में वैक्सीनेशन की कमी 26 फीसदी, कर्नाटक में 30 फीसदी और गुजरात में 37 फीसदी है। दिल्ली और केरल में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड अभी तक सबसे ज्यादा है, लेकिन दिसंबर तक 60 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगाने के अपने टारगेट से दोनों राज्य अभी बहुत दूर हैं।
इन पांच राज्यों में वैक्सीन की कमी सबसे ज्यादाबिहार, राजस्थान और बंगाल के साथ उत्तर प्रदेश और झारखंड में वैक्सीनेशन का बड़ा अभाव है। उत्तर प्रदेश में यह कमी 64 फीसदी है जबकि झारखंड में यह 62 फीसदी है।
36 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीनशुक्रवार को स्वस्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में वैक्सीनेशन कवरेज 36 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 18 से 44 के लोगों को अब तक 11 करोड़ से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दुनियाभर में कोरोनावायरस के नए-नए वैरिएंट रिपोर्ट किये जा रहे हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन कि प्रक्रिया में तेजी लाने कि जरूरत है। भारत में सबसे पहले डिटेक्ट किया गया डेल्टा वैरिएंट, कोरोना के सबसे घातक वैरिएंट में शामिल है।
पांच राज्य जहां वैक्सीनेशन में कमी सबसे ज्यादा
राज्य
टारगेट वैक्सीनेशन में कमी (% में)बिहार71राजस्थान66पश्चिम बंगाल66उत्तर प्रदेश64झारखंड62
पांच राज्य जहां वैक्सीनेशन में कमी सबसे कम
राज्य
टारगेट वैक्सीनेशन में कमी (% में)केरल22दिल्ली22पंजाब26कर्नाटक30गुजरात37खबरें और भी हैं…
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