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- Team Can Reach Indore Today For Water Plus Survey, Officers On Alert For 5 Days, Corporation Has Spent 300 Crores For Water Plus Certificate
इंदौरएक घंटा पहले
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स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में सबसे कठिन माने जाने वाले वॉटर प्लस सर्वे के लिए केंद्रीय दल की टीम शुक्रवार को इंदौर पहुंच सकती है। सूचना मिलते ही निगमायुक्त ने अधिकारियों की बैठक लेकर एक-एक प्वाॅइंट पर फोकस करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को कम्युनिटी टाॅयलेट और पब्लिक टॉयलेट के साथ यूरिनल्स की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
वाॅटर प्लस सर्टिफिकेट देश में किसी भी शहर को नहीं मिला है। इसके मिलने के बाद ही 7 स्टार का दावा पक्का हो सकता है। देश में सूरत और अहमदाबाद के साथ नवी मुंबई भी वाॅटर प्लस के सर्वे के लिए इंदौर को टक्कर दे रहे हैं। इंदौर ने इसी के लिए 300 करोड़ में नाला ट्रैपिंग का काम कर दोनों नदियां और 27 नालों को सीवर मुक्त किया है। शहर के 5 हजार से ज्यादा परिवारों ने 20 करोड़ खर्च कर सीधे नाले में गिरने वाले आउटफॉल को बंद कर घर खुदवाने के साथ ड्रैनेज लाइन में कनेक्शन लिया। अगले 5 दिन टीम इंदौर में रहेगी।
19 जोन के 325 CTPT पर सबसे ज्यादा फोकस
टीम का ध्यान शहर के 19 जोन के 325 कम्युनिटी टॉयलेट और पब्लिक टाॅयलेट पर सबसे ज्यादा रहेगा। इसके साथ ही 400 यूरिनल्स की भी व्यवस्था देखी जाएगी। इसकी मॉनिटरिंग के लिए निगम के सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी नाम के हिसाब से सौंप दी गई है। बैठक में एक-एक स्थान की समीक्षा के साथ निगमायुक्त ने कहा, कहीं भी लापरवाही नजर नहीं आनी चाहिए। सुबह 6 बजे से अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के प्वाॅइंट्स चेक करने को कहा है।
4 नदी-नालों की जांच करेगी टीम
सर्वे के तहत जांच दल शहर की चार वाटर बॉडीज चेक करेगा। इसके तहत सरस्वती और कान्ह नदी के अलावा कोई भी दो नाले चेक किए जाएंगे। उनमें सीवर का पानी नहीं मिलना चाहिए। पानी में कोई सूखा कचरा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा चैंबर के ढक्कन से पानी निकलता हुआ नजर नहीं आना चाहिए। टीम किसी भी रहवासी क्षेत्र में पहुंचेगी। वहां के CTPT के साथ ही आसपास की सीवरेज की व्यवस्था चेक करेगी।
वाॅटर प्लस की सख्त गाइड लाइन
- सर्टिफिकेशन 1800 नंबर का है। इसमें 7 स्टार के 1100 नंबर हैं। वाॅटर प्लस के 700 नंबर हैं।
- सभी घर ड्रैनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से कनेक्टेड होने चाहिए। किसी भी घर का सीवरेज खुले में नहीं चाहिए।
- नालों और नदी में सूखा कचरा नजर नहीं आना चाहिए।
- सीवरेज वाॅटर का ट्रीटमेंट कर कम से कम 25 % पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती समेत अन्य में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- सभी ड्रैनेज के ढक्कन बंद होने चाहिए। उनसे गंदा पानी बहकर सड़क पर नहीं आना चाहिए।
- चैंबर और मेनहोल साल में कम से कम एक बार साफ होने चाहिए।
- ड्रैनेज की लाइनें चोक नहीं होनी चाहिए।
- एप पर आने वाली ड्रेनेज संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान होना चाहिए।