हॉन्गकॉन्ग7 घंटे पहले
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हॉन्गकॉन्ग में 2019 में लोकतंत्र समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया था।
एशिया इंटरनेट गठबंधन (एआईसी) नाम के उद्योग समूह ने हॉन्गकॉन्ग प्रशासन को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि चीन यदि हॉन्गकॉन्ग के प्राइवेसी कानून में बदलाव करने की दिशा मे आगे बढ़ता है, तो आईटी कंपनियां देश छोड़ देंगी।
एआईसी में गूगल, फेसबुक, ट्विटर और एप्पल जैसी कंपनियां सदस्य हैं। ये पत्र गोपनीयता आयुक्त एडा चुंग लाई-लिंग को 25 जून को लिखा गया था। एआईसी के मेनेजिंग डायरेक्टर जेफ पेन ने पत्र में कहा है कि हॉन्गकॉन्ग में प्रस्तावित प्राइवेसी पॉलिसी में संशोधन वहां के लोगों को गंभीर तौर पर प्रभावित कर सकता है।
एआईसी ने कहा है कि हम मानते हैं कि कोई भी विरोधी कानून, जो अभिव्यक्ति की आजादी को कम करे, उसे आवश्यकता के सिद्धांतों पर बनाया जाना चाहिए। बता दें, पिछले साल चीन के बनाए कानून के विरोध में 10 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें लगभग 128 राजनेता और पत्रकार हैं।
कंपनियों पर यूजर की जानकारी हटाने का दबाव
हॉन्गकॉन्ग में 2019 में लोकतंत्र समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया था। इसलिए चीन डेटा प्राइवेसी कानून बदलना चाहता है। नए कानून में कंपनियों को यूजर की व्यक्तिगत जानकारी हटाने के लिए बाध्य किया गया है। यदि कंपनी ऐसा नहीं करती तो पुलिस को इसका पालन करवाने के लिए विशेष शक्ति दी गई है।