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- Rakesh, Who Was Dismissed From The Railways, Started Cheating On The Pretext Of Getting Jobs To The Unemployed, Has Hit Many In Kota And Delhi Too.
जबलपुर10 घंटे पहले
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रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले राकेश और रितु कर रहे चौंकाने वाले खुलासे।
रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले राकेश सेन खुद रेलवे से बर्खास्त हो चुका है। कोटा में नौकरी के दौरान इसी तरह की ठगी के चलते उसे 13 साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था। तब से वह रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवकों को ठग रहा है। मास्टरमाइंड ने एमपी, राजस्थान और दिल्ली में कई युवकों से लाखों की ठगी की है। गोहलपुर पुलिस ने राकेश और उसकी महिला साथी रितु सेन को दो दिन की रिमांड पर लिया है। दोनों से चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
जबलपुर पुलिस की गिरफ्त में आया मास्टरमाइंड राकेश सेन मूलत: रीवा का रहने वाला है। वह घमापुर में कई सालों तक रहा। आरोपी कोटा में सिग्नल ट्रेडमैन था। पर 2008 में उसे रेलवे से बर्खास्त कर दिया गया। उस पर आरोप लगा कि उसने 2006 में रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुछ युवकों से ठगी की है। इस शिकायत पर हुई विभागीय जांच के बाद उस पर कार्रवाई हुई थी।
कोटा से दिल्ली हुआ शिफ्ट और करने लगा ठगी
आरोपी कोटा से दिल्ली शिफ्ट हुआ। वहां भी उसने कुछ युवकों को इसी तरह रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगा। दिल्ली के बाद वह जबलपुर आ गया। यहां उसने घमापुर को अपना नया ठिकाना बनाया। वह यहां रेडीमेड कपड़े का व्यापार करने लगा। उसी दौरान रितु उर्फ पूनम सेन उसे संपर्क में आई। रितु कपड़े की दुकान में सेल्समैन का काम करती है। लॉकडाउन में घाटा हुआ तो राकेश ने रितु व पनागर निवासी राकेश तिवारी के साथ मिलकर ठगी का प्लान बनाया।
सिविल लाइंस थाने में लंबित है आरोपी के खिलाफ वारंट
आरोपी ने 2012 में दमोहनाका निवासी एक जैन परिवार से चार लाख रुपए रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठग चुका है। इस मामले में पीड़ित ने कोर्ट में केस लगाया था। पर राकेश कोर्ट की पेशी से लगातार गायब रहा। इसके चलते उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी हुआ जो, आज भी सिविल लाइंस में लंबित है।
ठगी के शिकार युवकों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था।
विजय नगर व गोहलपुर में 6 युवकों से ठगी
आरोपी राकेश सेन विजय नगर में किराए से रहने लगा। यहां उसने बाम्बे चिकन सेंटर के संचालक से 13 लाख रुपए ठग लिए। झांसा दिया था कि उसके बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाएगा। खुद का परिचय उसने राकेश सराठे के रूप में देता था। फरवरी में उसने गोहलपुर बस्ती नंबर दो को अपना नया ठिकाना बनाया। यहां पांच युवक-युवतियों को जाॅब दिलाने का झांसा देकर 13.60 लाख रुपए ठग लिए। ठगी के शिकार पीड़ितों ने गोहलपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई तो आरोपी का भंडाफोड़ हुआ।
पांच साल से पत्नी रहती है अलग
आरोपी के कारनामें और महिला मित्र की दोस्ती ने उसकी घरेलू जिंदगी को भी प्रभावित किया। आरोपी की पत्नी बच्चों के साथ रीवा में रहती है। पांच साल से दोनों का संपर्क नहीं है। राकेश और रितु सेन से पूछताछ में तीसरे साथी पनागर निवासी राकेश तिवारी का नाम सामने आया है। गोहलपुर पुलिस उसे तलाश रही है। राकेश तिवारी और रितु सेन को वह रेलवे का अधिकारी बता पेश करता था।
लॉकडाउन में 12 युवकों की परीक्षा भी कराई
पूछताछ में सामने आया है कि लॉकडाउन में आरोपियों ने घमापुर स्थित एक निजी स्कूल में 12 युवकों की रेलवे भर्ती की परीक्षा भी कराई थी। यहां रितु सेन नोडल अधिकारी बनी थी। सभी की परीक्षा एक कमरे में बैठाकर ली गई थी। टेबल पर अलग-अलग रोल नंबर चस्पा कर बैठक व्यवस्था बनाई गई थी। परीक्षा में शामिल सभी 12 लोगों को पास बताकर पैसे ऐठे गए। इन युवकों के बारे में भी गोहलपुर पुलिस पता लगा रही है।
एमएनपी रेलवे के नाम से रितु ने बनाया है सोशल प्रोफाइल।
सोशल मीडिया में रेलवे अधिकारी का बनाया है प्रोफाइल
रितु सेन ने सोशल मीडिया पर खुद का प्रोफाइल रेलवे अधिकारी का बनाया है। इसी प्रोफाइल को देखकर ठगी के शिकार लोग उसके झांसे में फंस गए। उन्हें विश्वास हो चला था कि रितु सेन रेलवे में अधिकारी है। राकेश ने ठगी के शिकार युवकों को रितु को रेलवे अधिकारी बता कर ही मिलवाया था। पूछताछ में रितु ने बताया कि राकेश जैसा कहता था, वैसा ही वह युवकों को बोलती थी। अधिकतर जवाब हां या ना में होते थे।