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श्रीलंका बना ड्रैगन का नया गुलाम: कोलंबो में काम करते देखे गए चीनी सैनिक, विरोध में उतरे लोग

एएनआई, कोलंबो Published by: दीप्ति मिश्रा Updated Mon, 05 Jul 2021 09:42 AM IST

सार

श्रीलंका के शहर कोलंबो में चीन के कुछ सैनिकों को देखा गया है। ये सैनिक सेना की वर्दी में हंबनटोटा के एक तालाब में जमा मलबा निकाल रहे थे। इसके बाद वहां के लोगों ने चीन का विरोध करना शुरू कर दिया है। 

प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो : ट्विटर

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विस्तार

चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम देने के लिए पहले कर्ज देता है और फिर कब्जा जमाता है। पाकिस्तान के बाद श्रीलंका भी चीन के कर्ज के जाल में पूरी तरह फंस चुका है। चीन धीरे-धीरे अब श्रीलंका की बुनियादी सुविधाओं पर अपना कब्जा जमा रहा है। हाल ही में श्रीलंका के शहर कोलंबो में चीन के कुछ सैनिकों को देखा गया है। ये सैनिक सेना की वर्दी में हंबनटोटा के एक तालाब में जमा मलबा निकाल रहे थे। इसके बाद वहां के लोगों ने चीन का विरोध करना शुरू कर दिया है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हंबनटोटा के एक प्राचीन तालाब में हाल ही में चीन के कुछ लोगों को मलबा हटाते देखा गया और इन सबने जो वर्दी पहनी थी, वह चीन की सैन्य वर्दी से मेल खाती थी। इसके बाद एक बार फिर से श्रीलंका में चीन की दखलअंदाजी की पोल खुल गई है। हाल ही में चीन ने कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट को भी 99 सालों के लिए अपने कब्जे में कर लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मलबा निकालते देखे गए चीनी जवानों का वर्दी में होना श्रीलंकाई कानूनों के खिलाफ है। हालांकि, आदतन श्रीलंका में मौजूद चीनी दूतावास ने आरोपों को खारिज किया और कहा है कि इस तरह के कपड़े पहनना आम बात है। 

क्या है श्रीलंका का कानून?
श्रीलंका के कानून के मुताबिक, सेना में काम नहीं कर रहे लोगों के वर्दी पहनने तो क्या उसे रखना भी प्रतिबंधित है। इस पर उस व्यक्ति को गिरफ्तार करके दंडित किया जा सकता है।

पाकिस्तान में तैनात है चीनी सेना
इससे पहले पाकिस्तान में भी चीन ने चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की निगरानी के लिए कई सैन्य कंपनियां तैनात की हुई हैं। ट्रू साइक्लोन की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर चीन अपने सैनिकों को आम नागरिकों की तरह हंबनटोटा की निगरानी के लिए तैनात करता है तो यह श्रीलंका के लिए हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए।

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श्रीलंका के प्रशासन से नहीं ली अनुमति

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